नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में मची हलचल में नीतीश और लालू के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है। बीते सोमवार नीतीश ने लालू पर आरोप लगाए तो मंगलवार को लालू को नीतीश पर सवाल उठाने का मौका मिला। लालू ने नीतीश पर कई गंभीर आरोप लगाएं। यहा तक कि नीतीश को उनकी हैसियत तक याद दिला दी। लालू ने नीतीश पर हमला करते हुए कहा कि 135 सीट पर नीतीश की जमानत जब्त हो गई थी। नीतीश गठबंधन तोड़कर गए उन्होंने हमे धोखा दिया। लेकिन उसके बाद भी मैं गरीबों की पुकार सुनकर उन्हें फोन करता हूं।
बता दें कि लालू ने नीतीश के उस बयान पर भी सवालिया निशान लगाया जिसमें नीतीश ने कहा था कि लालू जन नेता नहीं बल्कि जाति के नेता हैं। उस पर लालू ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर हम जाति नेता हैं तो खुद क्या हैं। अगर नीतीश जन नेता हैं तो कुर्मी सम्मेलन में क्यों गए थे। हम कभी किसी यादव सम्मेलन में नहीं गए। इसी से पता लगता है कि कौन जन नेता है और कौन जाति नेता है। हमने हमेशा नीतीश को बचाया। नीतीश ने जब जब बिमारी का बहाना बनाया तब-तब उन्होंने साजिश रची।
वहीं नीतीश ने शरद यादव को लेकर कहा कि शरद यादव ने नीतीश को बनाने में अपनी जान तक झोक दी। शरद यादव ने नीतीश को बनाया। नीतीश के इशारे पर हमारे यहां सीबीआई के छापे पड़े हैं। नीतीश के लिए तेजस्वी तो सिर्फ एक बहाना था। उनका सारा मामला पहले ही सेट था बीजेपी में जाने का। लालू ने कहा कि मैं नीतीश से सीनियर हूं और उसे बहुत अच्छे से जानता हूं। नीतीश का आदर्शवाद झूठा था।