कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन और ICU बेड की संख्या में कमी पर सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने सवाल किया कि आखिर पहली लहर के बाद विशेषज्ञों की चेतावनियों को अनसुना करते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या क्यों घटाई गई ?
प्रियंका ने केंद्र से पूछा ‘जिम्मेदार कौन’ ?
बता दें प्रियंका ने अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत केंद्र से पूछा की क्या देश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री निवास और नयी संसद का निर्माण है ?
प्रियंका गांधी ने लिखा कि जब जनवरी में प्रधानमन्त्री जी कोरोना से युद्ध जीत लेने की झूठी घोषणाएं कर रहे थे, उसी समय देश में ऑक्सीजन बेडों की संख्या 36%, ICU बेडों की संख्या 46% और वेंटिलेटर बेडों की संख्या 28% घटा दी गई। स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने की सलाहों को दरकिनार किया। जिम्मेदार कौन ?
जब जनवरी में प्रधानमन्त्री जी “कोरोना से युद्ध जीत लेने” की झूठी घोषणाएं कर रहे थे, उसी समय देश में ऑक्सीजन बेडों की संख्या 36%, आईसीयू बेडों की संख्या 46% और वेंटिलेटर बेडों की संख्या 28% घटा दी गई।
स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने की सलाहों को दरकिनार किया।
जिम्मेदार कौन? pic.twitter.com/jxW3Cflo6b
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 5, 2021
सरकार का ध्यान कहीं और था- प्रियंका
प्रियंका गांधी ने लिखा कि सितंबर 2020 में भारत में 2,47,972 ऑक्सीजन बेड थे, जो 28 जनवरी 2021 तक 1,57,344 रह गए। इसी दौरान ICU बेड 66,638 से घटकर 36,008 और वेंटिलेटर बेड 33,024 से घटकर 23,618 रह गए हैं।
प्रियंका ने निशाना साधते हुए कहा कि पिछले साल स्वास्थ्य मामलों की संसद की स्थाई समिति ने कोरोना की भयावहता का जिक्र करते हुए अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने की बात कही थी। लेकिन सरकार का ध्यान कहीं और था।