नई दिल्ली। कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी का सोमवार को निधन हो गया। दासमुंशी यूपीए सरकार में मंत्री रहे। उनका निधन 72 साल की उम्र में हुआ। उनके परिवार में उनकी पत्नी और बेटा प्रियदीप हैं। वो आखिरी बार 2004 में बंगाल की राजगंज सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। 2008 में उन्हें स्ट्रोक और पैरालासिस हुआ इसके बाद से उनका इलाज हो रहा था। और वो सक्रीय राजनीति से दूर हो गए थे।
बता दें कि दासमुंशी वेस्ट बंगाल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद थे। उनको साल 2008 में पैरालिसिस हो गया था। इसके बाद वो बोल भी नहीं सकते थे। इसके बाद से वो दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में थे। यूपीए सरकार के दौरान वो इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर थे। पैरालिसिस के बाद उनके ब्रेन में ब्लड सप्लाई बंद हो गई थी।
हालांकि, शरीर के बाकी हिस्से को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन, चूंकि ब्रेन ही बॉडी के बाकी पार्ट्स को कंट्रोल करता है, लिहाजा दासमुंशी 9 साल तक बेड पर ही रहे। सांस लेने के लिए दासमुंशी के गले में एक ट्यूब डाली गई थी। इसके अलावा पेट में एक नली डाली गई थी जिसके जरिए दासमुंशी को लिक्विड डाइट दी जाती थी। वो अपने आसपास के लोगों को पहचान नहीं पाते थे। 2014 में जब एनडीए सत्ता में आई तो केंद्र ने कहा कि सरकार दासमुंशी के इलाज का खर्च उठाना जारी रखेगी। दासमुंशी की पत्नी भी कांग्रेस में हैं।