देहरादून।झमा-झम बर्फबारी के बीच भगवान ब्रदीनाथ के कपाट अगले 6 महीनों के लिए बंद हो गए हैं। बीते रविवार को बर्फवारी के बीच भगवान ब्रदीनाथ के कपाट रात्रि 7 बजकर 28 मिनट पर बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद कुबेर जी को बामणी गांव के नंदा मंदिर और उद्धव जी को रावल निवास पर रखा गया है। कपाट बंद होने के पहले मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने भगवान बद्री विशाल का अभिषेक कर पूजा संपन्न की इस दिन को लेकर मंदिर में विशेष तैयारियां की गई थीं।
परम्परा के तौर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था। क्योंकि कपाट बंदी के दिन फूल श्रृंगार से ही भगवान को सजाया जाता है, इसके ठीक एक दिन पहले उनके शयन से पहले सारे गहने उतार कर नियत स्थान पर रख दिए जाते हैं। इस दिन माणा गांव की कन्याओं की ओर से विशेष रूप से बनाए गए घृत का लेप भगवान बद्री विशाल को लगाया जाता है। इसके बाद उन्होने ऊन से बुना हुआ कम्बल की चोली पहनाई जाती है। दोपहर में भगवान का राजभोग लगाया जाता है।
इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने आये हुए थे। भगवान बद्री विशाल के कपाट बंद होने के मौके पर श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू छलक पड़े इसी वक्त हो रही बर्फवारी के बीच गढ़वाल स्काउट की धर्ममयी धुनें बजाकर भगवान बद्री विशाल को विदाई दी और कपाट बंद हुए। इस मौके पर आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण भी किया।