नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा देश के केंद्रीय स्कूलों में हिंदी में प्रार्थना करवाने के सरकार के फैसले को एक जनहीत याचिका में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस याचिका में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया गया था कि स्कूलों में हिंदी में प्रार्थना करवाकर हिंदू धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में जवाब देने को कहा है। दरअसल इस याचिका में कहा गया है कि देशभर में स्थित केंद्रीय विद्यालयों के स्कूलों की हिंदी प्रार्थना के गीतों में हिंदू धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है।
ये याचिका एक वकील द्वारा दायर की गई है, जिनके बच्चे केंद्रीय विद्यालयों से पास हुए हैं। वकील ने याचिका में कहा है कि ये संविधान के अनुच्छेद 25 और 28 के खिलाफ है और इसे इजाजत नहीं दी जा सकती है क्योंकि कानूनन राज्यों के फंड से चलने वाले संस्थानों में किसी धर्म विशेष को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को गंभीर मानते हुए केंद्र से जवाब तलब किया है।
केंद्र से जवाब मांगते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ये एक गंभीर संवैधानिक मामला है। सर्वोच्च न्यायालय यह फैसला करेगा कि क्या वास्तव में देशभर में स्थित 1100 केंद्रीय विद्यालयों में की जाने हिंदी प्रार्थना एक विशिष्ट धर्म को बढ़ावा देती है और क्या यह संविधान का उल्लंघन करती है.