देशभर में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट आने लगी है, और इस वजह से सरकारों ने वैक्सीनेशन का काम तेजी से शुरु कर दिया है। जगह –जगह वैक्सीनेशन के लिये लोगों को जागरुक किया जा रहा है। ऑफलाइन वैक्सीनेशन का काम शुरु कर दिया गया है। लेकिन इसी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘देश में कोविड स्थिति और प्रशासनिक परेशानियों को देखते हुए, घर-घर जाकर टीकाकरण का निर्देश देना मुमकिन नहीं हैं।
खासकर जब टीकाकरण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही हो। आपको बता दें कि हाल ही में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने डोर टू डोर वैक्सीनेशन समेत एक अन्य जनहित याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया।
दरअसल इस याचिका में कोविड की मौत के मामले में घरवालों के लिए मुआवजे की मांग की गई थी। इतना ही नहीं बल्कि यह मांग चिकित्सा में लापरवाही के आधार को बताते हुए कि गई थी।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह नहीं माना जा सकता है कि इतनी बड़ी संख्या में कोविड के कारण हुई उन सभी मौतों के पीछे चिकित्सकीय लापरवाही ही रही हो। ऐसा अनुमान नहीं लगा सकते ।
वहीँ देशभर में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ती दिखाई दे रही है। ऐसे राज्य भी हैं जिसकी 100 प्रतिशत लोगों कोरोना की पहली डोज ले चुके हैं। जी दरअसल स्वास्थ्य वहीं अगर मंत्रालय की जारी रिपोर्ट की बात मानें तो अब तक देश भर में 70 करोड़ से ज्यादा टीकाकरण हो चुका है।