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लालकिले से पीएम करेंगे देश को संबोधित, जानें और क्या-क्या होगा इस बार के परेड में

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  • संवाददाता, भारत खबर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त, 2019 को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे।ध्वजारोहण के पश्चात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीराष्ट्र को संबोधित करेंगे।

लालकिले के लाहौरी गेट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगवानीरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक और रक्षा सचिव संजय मित्रा करेंगे। इसके पश्चात, रक्षा सचिव प्रधानमंत्री का परिचय दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री से करवाएंगे। लेफ्टिनेंट जनरल असित मिस्त्री प्रधानमंत्री को सलामी मंच की ओर ले जाएंगे जहां अंतर सेना और पुलिस गार्ड के जवान उन्हें सलामी देंगे। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्मान गारद का निरीक्षण करेंगे।

प्रधानमंत्री को सलामी देने वाले दस्ते में सेना के तीनो अंगों और दिल्ली पुलिस बल से एक-एक अधिकारी और 24-24 जवान शामिल होंगे। सलामी देने वाला दस्ता प्राचीर के नीचे की खाई के पास राष्ट्रीय ध्वज के सामने मौजूद रहेगा। इस वर्ष, सम्मान गारद का समन्वय भारतीय वायुसेना को सौंपा गया है। वायुसेना के विंग कमांडर अनुज भारद्वाज इस सम्मान गारद का नेतृत्व करेंगे। प्रधानमंत्री की सम्मान गारद में शामिल थलसेना के दस्ते की कमान मेजर लैशराम टोनी सिंह संभालेंगे तो नौसेना दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर प्रशांथ प्रभाकर करेंगे जबकि वायुसेना दस्ते की कमान स्कवाड्रन लीडर एसबी गौड़ा के हाथों में होगी। दिल्ली पुलिस बल के दस्ते की कमान एडीशनल डीसीपी बिक्रम एचएम मीणा संभालेंगे।

प्रधानमंत्री की सम्मान गारद में थल सेना का प्रतिनिधित्व गढ़वाल राइफल्स की द्वितीय बटालियन कर रही है। स्वतंत्रता दिवस के समारोह में ध्वजारोहण गारद में शामिल गढ़वाल राइफल्स की द्वितीय बटालियन की स्थापना01 मार्च 1901 को लेन्सडाउन में हुई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरानबटालियन के राइफ़लमैन गबर सिंह नेगी को रॉयल इंडियन आर्मी में दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ वीरता पुरस्कार विक्टोरिया क्रॉस (मरणोपरांत) दिया गया। प्रथम विश्वयुद्द के दौरान बटालियन ने 10 बैटल ऑनर हासिल किए। बहादुर गढ़वाल बटालियन की वीर गाथा जारी रही तथा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बटालिन को बैटल ऑनर कुंवांटनमलाया प्रदान किया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बटालियन को काफी क्षति उठानी पड़ी।अतः 11 मई 1946 को इस बटालियन का पुनर्गठन योल कैंटोनमेंट, हिमाचल प्रदेश में किया गया।

बटालियन ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाई और 03 अक्तूबर 1965 को प्रसिद्ध औपी हिल पर अपना कब्जा जमाया। ऑपरेशन के दौरान बटालियन के 02 अफसर, 01 जेसीओ और 22 अन्य रैंक शहीद हुए और बटालियन को 01 महावीर चक्र और 02 सेना मेडल प्रदान किए गए।

मई 1994 से सितंबर 1996 तक ऑपरेशन रक्षक के अंग के रूप में कश्मीर घाटी में तैनाती के दौरान बटालियन ने सेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ प्रशंसा पत्र और उत्तरी कमान यूनिट प्रशंसा पत्र हासिल किए। सितंबर2010 से नवंबर 2013 के दौरान जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में अपने कार्यकाल के दौरान बटालियन की उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए इसे एक बार फिर से जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ प्रशंसा पत्र और उत्तरी कमान यूनिट प्रशंसा पत्र प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ।

सलामी गारद का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर की ओर प्रस्थान करेंगे जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक, सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शलबिरेन्द्र सिंह धनोआ और नौसेनाध्यक्ष एडमिरलकर्मबीर सिंहउनका अभिवादन करेंगे। जीओसी, दिल्ली एरिया, ध्वजारोहण के लिए प्रधानमंत्री को लाल किले की प्राचीर की ओर ले जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और सम्मान गारद के जवान राष्ट्रीय सलामी देंगे, तब वायु सेना बैंड के बैंडवादक राष्ट्र गान की धुन बजाएंगे। तीनों सेनाओं के सभी उपस्थित अधिकारी एवं जवान सम्मान में खड़े होकर सलामी देंगे। बैंड के दस्ते की कमान जूनियर वारंट ऑफिसर पंकज बाबू के हाथों में होगी। राष्ट्रीय ध्वज को फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता फ्लाइंग ऑफ़िसर प्रीतम सांगवान करेंगी।प्रधानमंत्री की एडीसी ड्यूटी के लिए दो वायुसेनाअधिकारीफ्लाईट लेफ्टिनेंट ज्योति यादव और फ्लाईट लेफ्टिनेंट मानसीगेड़ा सलामी मंच के दोनों ओर तैनात रहेंगी।

ध्वजारोहण की गौरवशाली परंपरा के साथ ही सर्वोत्कृष्ट 2233 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के बहादुर गनर ताल से ताल मिलाते हुए 21 तोपों की सलामी देंगे। इस बैटरी की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल सी संदीप संभाल रहे हैं जबकि गन पोजिशन ऑफिसर रेजिमेंट हवलदार मेजर कोलेट राजेश श्रीपति हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण के समय राष्ट्रीय सलामी देने वाली राष्ट्रीय ध्वज गारद में थल सेना, नौसेना, वायु सेना और दिल्ली पुलिस बल से एक-एक अधिकारी और 32-32 जवान शामिल होंगे। वायुसेना के विंग कमांडर कुणाल खन्ना इस अंतर सेना दस्ते और दिल्ली पुलिस गार्ड का नेतृत्व करेंगे। ध्वजारोहण गारद के नौसेना दस्ते की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर सतविंदर सिंह के हाथों में होगी तो थलसेना दस्ते की कमान मेजर सूर्य प्रकाश संभालेंगे जबकि वायु सेना दस्ते की कमान स्कवाड्रन लीडर रविंद्रा संभालेंगे और दिल्ली पुलिस के दस्ते का नेतृत्व एडिशनल डीसीपीरोहित राजवीर सिंह करेंगे।

राष्ट्रीय ध्वजारोहण गारद में शामिल रतीय थलसेना का प्रतिनिधित्व प्रथम गोरखा राइफल्स की पांचवी बटालियन कर रही है। सर्वोत्कृष्ट बटालियन का प्रारंभिक गठन जनवरी 1942 में धर्मशाला में किया गया था और बाद में दिसंबर 1946 में इसका सैन्यवियोजन हुआ। इसका पुनर्गठन 01 जनवरी 1965 को सोलन (हिमाचल प्रदेश) में हुआ।वर्ष 1971 में इसने पूर्वी पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन केक्टस लिली’ के दौरानबटालियन ने संतोषपुर, उथाली, दरसना, कुश्तिया और हार्डिंग ब्रिज पर लगातार पाँच हमले किए और अपनी वीरता का परिचय दिया। अभियान के दौरान यूनिट को 03 महावीर चक्र और 02 वीर चक्र प्रदान किए गए। यूनिट को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए युद्ध सम्मान ‘दरसना’ और थियेटर ऑनर ‘पूर्वी पाकिस्तान’ से सम्मानित होने का गौरव भी प्राप्त हुआ। बटालियन ने भारतीय थलसेना के द्वारा किए गए मुख्य ऑपरेशनों जिसमें वर्ष 1989 को श्रीलंका में ‘ऑपरेशन पवन’, जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन रक्षक’ और असम में ‘ऑपरेशन राइनो’शामिल हैं में भी भाग लिया।

बटालियन को 2008 से 2009 तक सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में सेवा करने का गौरवमय अवसर भी मिला। प्रथम गोरखा राइफल्स की पांचवी बटालियन एक अति सुसज्जित बटालियन है इसे 03 महावीर चक्र, 02 कीर्ति चक्र, 06 वीर चक्र, 02 शौर्य चक्र और 32 सेना मेडल हासिल करने का गौरव प्राप्त है।वर्ष 1997 से 1999 के दौरान जम्मू-कश्मीर में‘ऑपरेशन रक्षक’के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इसे सेनाध्यक्ष प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया और असम में ‘ऑपरेशन राइनो’के दौरान बटालियन के अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए इसे जनरल ऑफिसर कमांडिग-इन-चीफ (पूर्वी कमान) यूनिट प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 में ब्रिटेन में आयोजित प्रतिष्ठित आर्मी कैम्बिरियन पैट्रल चैम्पियनशिप में यूनिट ने भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व किया और स्वर्ण पदक अपने कब्जे में किया।

वर्तमान में बटालियन भारत के राष्ट्रपति की समारोहिक सेना गारद का सम्मानजनक दायित्व निभा रही है। ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोंधित करेंगे। इसके बाद स्कूल के छात्र और एनसीसी कैडेट्स राष्ट्र गान गाएंगे। इस वर्ष यानि 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार के अंतर्गत थल सेना, नौसेना और वायुसेना की शाखा के 17 विद्यालयों से 700 एनसीसी कैडेट्स ध्वजारोहण समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। ये कैडेट्स समारोह के दौरान स्कूल के छात्रों के साथ देश भक्ति के गीत और राष्ट्रगान गाएंगे। शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार के 41 विद्यालयों की 3,500 छात्राएं राष्ट्रगान गाएंगी और 5,000 छात्र इस कार्यक्रम का अवलोकन करेंगे।

इस पावन और गौरवमय अवसर पर स्कूल के ये छात्र एवं छात्राएं लाल किले की प्राचीर के सामने ‘नयाभारत’ शब्द की अपनी अनुपम मानव संरचना के द्वारा ‘एकता में बल’ को दर्शा रहे हैं।

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