नई दिल्ली। 32 राजनीतिक दलों को न्यौता भेजकर भारतीय जनता पार्टी ने ना केवल अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया बल्कि साल 2019 के आम चुनावों की नींव भी रखी। हालांकि इस बैठक से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस मीटिंग का मुख्य एजेंडा आने वाले राष्ट्रपति चुनाव होगा लेकिन इसके विपरीत भाजपा ने 2019 का चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ने का प्रस्ताव पास किया।
यूपी और उत्तराखंड में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाहुबली नेता के तौर पर सामने आए है। यही वजह है कि चुनावों से दो साल पहले ही एनडीए ने ऐलान कर दिया कि वो आने वाला चुनाव पीएम मोदी की देख-रेख में ही लड़ेगी।
इस बैठक में पीएम मोदी ने अपने विचार सभी के सामने रखे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पर गरीबों ने जो विश्वास दिखाया है, उसे टूटने नहीं देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी पार्टियों को युवाओं से जुड़ने का का मंत्र दिया और न्यू इंडिया मिशन की बात को दोहराया।
उद्धव ने की कर्जमाफी की मांग:-
इस बैठक के लिए उद्धव ठाकरे को खुद अमित शाह ने फोने करके सम्मिलित होने का न्यौता दिया था। तो वहीं शिवसेना प्रमुख भी इस बैठक का हिस्सा बनें। उन्होंने पीएम मोदी के साथ अलग बैठक की और एक बार फिर से किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा भी उठाया। खबरों की मानें तो दोनों के बीच बातचीत करीबन 20 मिनट तक हुई। जिसमें दोनों पार्टियों ने अपने बीच मतभेदों को दूर करने की कोशिश की।