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पीएम मोदी ने रवांडा सरकार के ‘गिरिंका कार्यक्रम’ के तहत ग्रामवासियों को 200 गायें उपहार में दीं

पीएम ने 200 गाएं भेंट की पीएम मोदी ने रवांडा सरकार के ‘गिरिंका कार्यक्रम’ के तहत ग्रामवासियों को 200 गायें उपहार में दीं

रवांडा के राष्‍ट्रपति पॉल कागमे द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने रवांडा सरकार के गिरिंका कार्यक्रम के तहत ऐसे ग्रामवासियों को 200 गायें भेंट की जिनके पास अभी तक एक भी गाय नहीं थी। मालूम हो कि गायें भेंट करने का यह कार्यक्रम रवांडा के राष्‍ट्रपति पॉल कागमे की मौजूदगी में रुवरू आदर्श ग्राम में आयोजित किया गया।

 

पीएम ने 200 गाएं भेंट की पीएम मोदी ने रवांडा सरकार के ‘गिरिंका कार्यक्रम’ के तहत ग्रामवासियों को 200 गायें उपहार में दीं
पीएम ने 200 गाएं भेंट की

मोदी ने ‘गिरिंका कार्यक्रम’ में गाय देने की राष्‍ट्रपति कगामे की पहल की सराहना की

पीएम मोदी ने ‘गिरिंका कार्यक्रम’ में गाय देने की राष्‍ट्रपति कगामे की पहल की सराहना की। मोदी ने कहा कि  सुदूर रवांडा के गांव में आर्थिक समृद्धि के लिए गायों के महत्‍व को देखकर भारत के लोगों को भी सुखद आश्‍चर्य होगा। उन्‍होंने इस मौके पर भारत और रवांडा के ग्रामीण जीवन में कई तरह की समानता का भी को बताया।

गिरिंका शब्‍द का अर्थ है ‘क्‍या आप गाय रख सकते हैं’

बता दें कि गिरिंका शब्‍द का अर्थ है ‘क्‍या आप गाय रख सकते हैं’। यह रवांडा में सदियों से चली आ रही एक प्रथा है जिसके तहत सम्‍मान और सद्भावना के रूप में एक व्‍यक्ति दूसरे व्‍यक्ति को गाय भेंट करता है। राष्‍ट्रपति पॉल कागमे ने रवांडा में बच्‍चों में कुपोषण के खतरनाक स्‍तर और गरीबी से निपटने तथा पशुधन एवं कृषि को एक साथ लाने के लिए गिरिंका की पहल की थी।गिरिंका कार्यक्रम की अवधारणा है कि गरीबों को दुधारू गाय उपलब्‍ध कराने से उनकी आजीविका में बदलाव आएगा। गाय के गोबर से तैयार उर्वरकों के इस्‍तेमाल से कृषि उत्‍पादन बढ़ेगा। जिससे मिट्टी की गुणवत्‍ता में वृद्धि होगी। और इसमें घास और पेड़ लगाने से भूक्षरण में कमी होगी।

प्रधानमंत्री की रवांडा,युगांडा गणराज्‍य,दक्षिण अफ्रीका गणराज्‍य की राजकीय यात्रा

गिरिंका कार्यक्रम वर्ष 2006 में शुरू किया गया था

गौरतलब है कि गिरिंका कार्यक्रम वर्ष 2006 में शुरू किया गया था। 2006 से लेकर अब तक हजारों की संख्या में गाएं भेंट की जा चुकी हैं। बताते चलें कि जून 2016 तक कुल 248,566 गायें गरीब परिवारों को भेंट की गई थी। इस पहल का प्रभाव स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। जहां एकतरफ रवांडा में कृषि उत्‍पादन में बृद्धी हुई है वहीं दूध उत्‍पादन तथा डेरी उत्पाद में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।साथ ही गरीब परिवारों की आय में बढ़ोत्तरी और कुपोषण के मामलों में गिरावट आई है।

रवांडा के लोगों के बीच एकता, परस्‍पर विश्‍वास और सद्भाव को भी बढ़ाया है

बता दें कि गिरिंका कार्यक्रम ने रवांडा के लोगों के बीच एकता, परस्‍पर विश्‍वास और सद्भाव को भी बढ़ाया है। क्‍योंकि इसके जरिए एक व्‍यक्ति द्वारा दूसरे व्‍यक्ति को सम्‍मान के तौर पर गायें भेंट करता है। जबकि गिरिंका का लक्ष्य गाय भेंट करना नहीं है। इसके बावजूद यह कलांतर में कार्यक्रम का एक अहम हिस्‍सा बन गया है।

रवांडा सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक ‘गिरिंका कार्यक्रम’ के तहत उन गरीब परिवारों को लक्ष्य में रखा जाता है

गौरतलब है कि रवांडा सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक ‘गिरिंका कार्यक्रम’ के तहत उन गरीब परिवारों को लक्ष्य में रखा जाता है।जिनके पास गाय नहीं हैं परन्तु अपनी जमीन है। जिसमें वे गायों के लिए घास पैदा कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में यह जरूरी है कि जिस व्यक्ति को गाएं दी जाएं वह निजी या सामूहिक तौर पर गायों को रखने के लिए जगह बना सके।

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       महेश कुमार यदुवंशी

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