पटना। कल शाम को बिहार की राजनीति में आया भूकंप आखिरकार बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन के तौर पर सामने आया है। 20 महीने तक नीतीश सरकार ने महागठबंधन के साथ चलकर सरकार चलाई लेकिन महागठबंधन के घटक दल राजद के नेता लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के साथ नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जब सीबीआई का शिकंजा कसा तो नीतीश कुमार ने तेजस्वी से इस मामले में सफाई देने के लिए कहा । लेकिन जब तेजस्वी ने कोई सफाई ना ही बल्कि नीतीश कुमार पर ही उनकी पार्टी ने अप्रत्यक्ष तौर पर कई आरोप लगाने शुरू किए तो नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा देकर इस महागठबंधन से इति श्री कर ली।
इसके बाद प्रेस को सम्बोधित करते हुए इस महागठबंधन के टूटने का ठीकरा लालू एडं सन पर फोड़ दिया। नीतीश के हमले और महागठबंधन के टूटने का दर्द का जबाब लालू प्रसाध यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेस में निकालते हुए नीतीश कुमार को हत्यारा तक बताया इसके बाद एक फॉर्मूला भी दिया ना तेजस्वी ना नीतीश कोई दूसरा पद संभाले जिसे महागठबंधन चुने।
लालू के दांव के पहले ही भाजपा ने अपना दांव खेल दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद एख ट्वीट कर नीतीश को बधाई दी थी। इसके साथ ही उन्होने साफ किया था कि वो नीतीश के साथ है। यानी भाजपा नीतीश को समर्थन दे सकती है। आनन-फानन में भाजपा विधायक दल की मीटिंग पटना में हुई । इसके बाद विधायक दल के निर्यण से केन्द्रीय संसदीय समिति को अवगत कराया गया।
उधर दिल्ली में केन्द्रीय समिति की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार के गतिरोध विचार विमर्श कर बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने के सन्दर्भ में एक समिति का गठन किया गया जिसके बाद बिहार में भाजपा ने नीतीश को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इसके बाद देर रात भाजपा और जेडीयू विधायकों की एक संय़ुक्त बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुई । जिसके बाद आज सुबह साढे़ दस बजे नीतीश कुमार और सुशील मोदी शपथ लेगें। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की तो सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।