कोरना के चलते दुनिया वैसे ही परेशान है। लोग जहां फंसे हैं वहीं पर तैसे-तैसे करके गुजारा कर रहे हैं। इस बीच जब भारत सरकार की तरफ से फैसला लिया गया कि, लॉकडाउ में फंसे लोगों को उनके घर तक सरकार अपनी जिम्मेदारी पर छोड़ेगी तो काफी फंसे लोगों के चेहरे पर खुशी आ गई। और वो अपनों से मिलने सरकारी गड़ियों की तरफ निकल पड़े।
इस बीच एक व्यक्ति के साथ एक ऐसी घटना घटि कि, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे न घर के रहे न घाट के। जी हां ये बात हम इस लिए बोल रहे हैं, क्योंकि कुछ लोगों की गलती की वजह से उस व्यक्ति को जाना था कहीं और पहुंच गया कहीं और..
कुछ ऐसा ही हुआ है लॉकडाउन के दौरान चंडीगढ़ में फंसे रुद्रप्रयाग निवासी गोविंद राम प्रसाद के साथ, जिन्हें रुद्रप्रयाग की बस में बैठाने के बजाय चमोली की बस में बैठा दिया और वह वहीं फंस गए हैं। जब इसकी शिकायत चालक-परिचालक से की तो उल्टा उनके साथ लड़ने लगे।
पीड़ित गोविंद राम प्रसाद ममगाईं के भाई विजेंद्र प्रसाद ममगाईं ने कहा कि उनके भाई चंडीगढ़ में काम करते हैं। सरकार की तरफ से बस भेजने की जानकारी मिलने पर उन्होंने रुद्रप्रयाग के ग्राम इजरा जखोली जाने के लिए नियमानुसार पंजीकरण कराया।
जब बस रुद्रप्रयाग से आगे जाने लगी तो उन्होंने चालक-परिचालक से कहा कि उन्हें रुद्रप्रयाग उतरना है। उन्होंने कहा कि हां वहीं उतारा जाएगा। लेकिन, जब अंतिम स्टॉप पर बस रुकी तो पता चला कि वह गैरसैंण पहुंच गए।
जब पीड़ित ने चमोली व रुद्रप्रयाग प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से भी फोन पर मदद मांगी,तो उन्हें कोी मदद नहीं मिली।
इस बीच पीड़ित ने आरोप लगाया कि व्यवस्था की खामी का खामियाजा निर्दोष आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
पीड़ित को अब गैरसैंण विधानसभा भवन में रखा गया है। खबर के फैलते ही लोगों में सनसनी फैल गई है। उन्हें लग रहा है कि ऐसी घटना उके साथ भी घट सकती है।