पूरी दुनिया में अपने आतंक की वजह से जाना जानें वाले पाकिस्तान ने एक नई पैंतरेबाजी करते हुए कई बड़े आतंकियों को बैन कर दिया है। खबरों की मानें तो पाकिस्तान ने ऐसे ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए किया है।
आतंकवाद की फंडिंग को लेकर फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स में फजीहत से बचने के लिए पाकिस्तान ने जो पैंतरा चला, वह खुद उसी में फंस गया है। FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर आने की कोशिशों के तहत पाकिस्तान ने 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं पर कार्रवाई करने का ढोंग किया है।
लेकिन इस लिस्ट में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम शामिल करके आखिरकार उसने एक तरह से मान लिया है कि दाऊद पाकिस्तान की जमीन पर ही है। इस लिस्ट में हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकियों और उनके संगठनों के नाम भी हैं।
इसके साथ ही पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों और उनके आकाओं की सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने के आदेश दिए है। पेरिस स्थित एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट में डाला था और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक कार्ययोजना लागू करने को कहा था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इस समय सीमा बढ़ा दी गई थी।
सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन इब्राहिम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी। इब्राहिम 1993 मुंबई बम विस्फोटों के बाद भारत के लिए सबसे वांछित आतंकवादी बन कर उभरा है।
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पाकिस्तान की इस हरकत की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। इसके साथ ही एक बात ये भी साफ हो चुकी है कि, पाकिस्तान के लाख मना करने के बाद भी पाकिस्तान में आज भी आतंकियों का गढ़ है।