श्रीनगर। कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए जिले में उतरी स्वास्थ्य सर्वेक्षण टीम बिना सुरक्षा उपकरणों के मैदान में है। तीन सदस्यों वाली टीम के लोग रुमाल और दुप्पटे से मास्क का काम ले रहे हैं। इसके अलावा सैनिटाइजर की भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में अगर कोई संक्रमित व्यक्ति टीम के संपर्क में आ जाए तो स्थिति खराब हो सकती है। यह आरोप सर्वेक्षण टीम में शामिल बीएलओ ने लगाए हैं।
बीएलओ एसोसिएशन के जम्मू संभाग के अध्यक्ष जुगल दूबे ने आरोप लगाया है कि बीएलओ, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं। लोगों से उनके यात्रा इतिहास, स्वास्थ्य संबंधी समस्या की जानकारी ली जा रही है। मगर टीम में शामिल लोगों को प्रशासन की ओर से उन्हें सुरक्षा के लिए दस्ताने, मास्क, सैनिटाइजर आदि कोई सुविधा नहीं मुहैया करवाई हैष
एक बीएलओ के नेतृत्व वाली एक टीम को अपने क्षेत्र में लगभग 200 घरों में सर्वेक्षण करना है और हजारों लोगों से मिलना है। ऐसे में कोई कोरोना संदिग्ध उनके संपर्क में आता है तो सर्वेक्षण टीम के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्य भी खतरे से खाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सांबा जिले में 295 बीएलओ, 295 आशा वर्कर और 295 ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्वास्थ्य सर्वेक्षण में भाग ले रही हैं।
स्वास्थ्य सर्वेक्षण में जुटे बीएलओ, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुरक्षा के लिए दस्ताने, मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट तक नहीं दी गई हैं। यह लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन को इस बारे में विचार करना चाहिए। -जुगल दूबे, प्रधान, बीएलओ एसोसिएशन, जम्मू संभाग
जो भी सर्वेक्षण के लिए टीम गई हैं, उन्हें जरूरी सुरक्षा किट मुहैया करवाई गई है। उपायुक्त ने स्वयं किट दी हैं। हो सकता है कि कुछ लोग अपने घराें से ही सर्वेक्षण पर निकल गए हों। प्रशासन ने टीम को मास्क, सेनिटाइजर, दस्ताने और सूज कवर तक मुहैया करवाएं हैं।-डॉ. विकास गुप्ता, अतिरिक्त उपायुक्त, सांबा मैंने इस मुद्दे को उपायुक्त के समक्ष भी उठाया है। उन्होंने कहा है कि कुछ दिनों में सर्वेक्षण में जुटी टीम को सैनिटाइजर बगैैरह मुहैया करवाए जाएंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ भी इस संबंध में बात की है। उम्मीद है जल्द टीम को सुरक्षा किट मिल जाएगी।