आर्थिक तंगी से जूझ रही पाकिस्तान सरकार पूरे देश में एक समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की तैयारी में है। सरकार के इस फैसले से स्कूलों के इस्लामीकरण की आशंका बढ़ गई है। खबर है कि इमरान सरकार पहले चरण में प्राइमरी स्कूलों में पहली से 5वीं कक्षा तक के छात्रों को शामिल करेगी।
विज्ञान का भारी इस्लामीकरण
सूत्रों के मुताबिक इमरान सरकार की नई शिक्षा प्रणाली के तहत उर्दू, अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान का भारी इस्लामीकरण किया जाएगा। साथ ही कुरान का अनुवाद पढ़ना, नमाज और हदीस को सीखना अनिवार्य किए जाने की योजना है। दरअसल पाकिस्तान के स्कूली पाठ्यक्रम में कई तरह के बदलावों की पेशकश की गई है। जिसमें कहा गया है कि पूरे देश में एक ही तरह का पाठ्यक्रम होना चाहिए।
बायोलॉजी की किताबों में बदलाव
नए पाठ्यक्रम को तय करने वाली समिति में कुछ धार्मिक लोगों को भी शामिल किया गया है। ऐसा भी माना जा रहा है कि बायोलॉजी की किताबों में अब इंसानी शरीर की तस्वीरें नहीं होंगी। इन्हीं तमाम चीजों पर पाकिस्तानी सरकार विचार कर रही है।
सरकार-इस्लामी रूढ़िवादियों के बीच सांठगांठ
दरअसल साल 1947 में पाकिस्तान के निर्माण के बाद से अब सरकार और इस्लामी रूढ़िवादियों के बीच सांठगांठ हो रही है। 1950 और 60 दशक में पाकिस्तान में इस्लामीकरण की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू हुई। लेकिन 1970 के दशक में जनरल जिया-उल-हक की तानाशाही के दौर में ये प्रक्रिया और तेज हो गई।