नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लगातार भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बीच तनाव साफतौर पर देखा जा सकता है। जहां एक ओर पाकिस्तान अपने नापाक मंसूब के साथ लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है वहीं गुरुवार को दिल्ली में एक पाक ऑफीसर को जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस जासूस के गिरफ्तार होने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने पाक उच्चासुक्त अब्दुल बासित को तलब कर इस मामले की जानकारी दी और उसे भारत छोड़ने को कहा। लेकिन अब पाकिस्तान ने भी सीनाजोरी दिखाते हुए इस्लामाबाद में रह रहे भारतीय सुरजीत सिंह को अयोग्य ठहराते हुए उसे देश से बाहर जाने को कहा है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने गुरूवार को एक पाकिस्तानी ऑफीसर को सेना से जुड़े दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था हालांकि पाकिस्तान ने जासूसी के आरोपों से इनकार किया है और इसे झूठा और निराधार बताया और भारतीय पुलिस पर पाकिस्तान उच्चायोग के एक वीजा अधिकारी महमूद अख्तर के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इस निष्कासन से दोनों देशों के बीच कश्मीर और सीमा-पार तनाव और गहरा गया है।
इस मामले पर जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को यह बताने के लिए समन भेजा कि पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी को जासूसी की गतिविधियों में लिप्त पाया गया है और देश में उसकी मौजूदगी निषिद्ध कर दी गई है। स्वरूप ने कहा, पाकिस्तान उच्चायोग को यह सूचित कर दिया गया है कि अख्तर और उसका परिवार 29 अक्टूबर (शनिवार) तक पाकिस्तान वापस लौट जाना चाहिए। ”
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव ने कहा कि अख्तर को बुधवार को हिरासत में लिया गया था, उसे राजनयिक छूट की वजह से छोड़ दिया गया। उच्चायोग में उसने दो साल से ज्यादा समय तक काम किया। इस दौरान उसने पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के लिए भारतीयों की भर्ती की। यादव ने कहा कि अख्तर को दिल्ली में चिड़ियाघर के पास से हिरासत में लिया गया था। वह दो भारतीयों मौलाना रमजान और सुभाष जांगीर से रक्षा से संबंधित जानकारी लेने के लिए आया था। रमजान और जांगीर पर आईएसआई के लिए काम करने का आरोप है।
दोनों राजस्थान के निवासी हैं, इनसे पूछताछ की जा रही है। यादव ने कहा, इन्होंने गुजरात और राजस्थान में रक्षा, बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की तैनाती से जुड़ी जानकारी एकत्र की थी और साथ ही ये कुछ भारतीय सीमा चौकियों के नक्शे और सैनिकों की तैनाती विवरण लाए थे। इन दस्तावेजों में भारत के कई सेवानिवृत्त कर्मियों और सीमा पर सेवाएं दे रहे बीएसएफ अधिकारियों से जुड़ी जानकारियां भी थीं। इन जानकारियों के लिए वह अख्तर से धन ले रहे थे। लगातार पूछताछ ने बाद उसने कबूल किया कि वह पाकिस्तान सेना के 40 बलूच रेजिमेंट का 1997 से सैनिक रहा और उसे आईएसआई ने 2013 में भारत में प्रतिनियुक्ति दी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी ने शुरुआत में कहा कि वह भारतीय नागरिक है। उसने पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के महमूद राजपूत नाम का एक फर्जी आधार कार्ड भी दिखाया। वहीं पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजनयिक को तीन घंटे के लिए झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, जब वह उच्चायोग के लिए लौट रहा था। हम अपने राजनयिक अधिकारी की गिरफ्तारी और दुर्व्यवहार की निंदा करते हैं।