इस्लामाबाद। पाकिस्तानी मीडिया ने अब आतंकवाद को लेकर खुद के ही देश की सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अब पाकिस्तान की मीडिया भी ये मानने लगी है कि उनका देश आतंकवादियों को पनाह देता है और उनके समर्थन में बोलता है। इससे पहले सिर्फ इस मुद्दे को लेकर वहां का पढ़ा-लिखा और सभ्य समाज ही चिंता में था, लेकिन अब मीडिया ने भी आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। पाकिस्तानी मीडिया ने सरकार को सख्ती बरतने की नसीहत दी है।
पाकिस्तान के एक चर्चित अखबार ने अपने संपादकीय में आगाह किया है कि पाकिस्तान में कट्टरपंथ और आतंकवादी गतिविधियां इस तरह जारी रही तो दुनिया की पाकिस्तान के लिए सोच और भी बुरी हो जाएगी क्योंकि पाकिस्तान धीरे-धीरे आतंक के एक नए रूप में जन्म ले रहा है। अखबार ने देश में आतंक की नई फसल तैयार होने का दावा किया है। संपादकीय में आशंका जताई गई है कि अगर इसी तरह सब चलता रहा तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर सवाल खड़े करने का एक बड़ा मौका मिल जाएगा।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में कहा गया है कि कट्टरपंथ को लेकर गोलमोल या दोहरा रवैया कभी-कभी कट्टरपंथी संगठनों के प्रति देश की सहानभूति को दर्शता है और इससे नए तरह के आतंकवाद के पनपने का खतरा बढ़ जाता है। अगर ऐसा हुआ तो संयुक्त राष्ट्र संघ को हमारे देश पर उंगली उठाने का आसान और सरल मौका मिल जाएगा इसलिए अब पाकिस्तान को अपनी राह को चुनना होगा। आगे लिखा गया है कि लिस्ट में शामिल सिर्फ कुछ ही लोगों को सरकार अब तक गिरफ्तार कर पाई है।
अखबार में लिखा गया है कि आतंकी और आतंकी संगठन लगातार भर्तियां कर रहे हैं और भविष्य के आतंकियों की नई फसल तैयार हो रही है और ये एक समस्या बन सकती है। उनके नाम अभी किसी भी लिस्ट में नहीं है लेकिन भविष्य में वे आ सकते हैं इसलिए इससे पहले की ये पाकिस्तान के लिए समस्य बने हमे इसे उखाड़ फेंकना होगा। यूएन की लिस्ट पर पाक अखबार आगे कहता है कि इन सूचियों के आधार पर कोई ये तर्क रख सकता है कि पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र बनने की दिशा में है।