आदित्य मिश्र, लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं, बीजेपी अपने पुराने रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहेगी। वहीं कई राजनीतिक दल दोबारा सत्ता में वापसी की कोशिश में लगे हुए हैं, जिसमें कांग्रेस, सपा, बसपा और अन्य शामिल हैं।
भाजपा की नीतियों का होगा हिसाब
कांग्रेस प्रवक्ता उमाशंकर पांडे ने Bharatkhabar.com के संवाददाता आदित्य मिश्र से इस विषय पर विशेष बातचीत की। जब उनसे सवाल पूछा गया कि 7 से सत्ता तक का सफर कांग्रेस कैसे तय करेगी? तो इस विषय पर उन्होंने बताया कि बीजेपी जब 2 से 300+ सीटों पर पहुंच सकती है, जबकि बीजेपी का गठन 1980 के दौरान हुआ था, तो कांग्रेस पुरानी पार्टी है। ऐसे में यह बिल्कुल संभव है कि इस चुनाव में दोबारा उठ कर खड़ी हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि इन दिनों जनता बीजेपी सरकार से बिल्कुल त्रस्त हो चुकी है। सरकारी तंत्र आम लोगों को परेशान करने में लगा हुआ है। इसका परिणाम यह है कि लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 2017 के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जनता पुराने रिकॉर्ड पर उतना ध्यान नहीं देती। आने वाले चुनाव में मौजूदा मुद्दे काम आएंगे, जिसमें किसान आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार सबसे प्रमुख हैं।
पूर्ण बहुमत के साथ होगी कांग्रेस की वापसी
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करने जा रही है। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के कुशल नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष की मेहनत आने वाले चुनाव में सफल होगी। वहीं अन्य विपक्षी दलों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में सीधी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच होने वाली है।
काम आएगा कांग्रेस का संघर्ष
मौजूदा माहौल में समाजवादी पार्टी, बसपा और अन्य दल जमीन पर अपनी पकड़ खोते जा रहे हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी का जनाधार पिछले कई चुनावों में लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। यूपी में हुए दो उपचुनाव इसी बात का संकेत दे रहे हैं। बीजेपी की लोकप्रियता लगातार घट रही है, इसका कारण उनकी खराब नीतियां हैं। आम लोगों को पेट्रोल-डीजल, खाने के तेल जैसी जरूरत की चीजों के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ रही है।
बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है, बीजेपी सरकार की महिला विरोधी, युवा विरोधी और किसान विरोधी नीति का जवाब जनता आने वाले चुनाव में देगी। आखिर में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ प्रियंका गांधी का नेतृत्व है, दूसरी तरफ असफल मुख्यमंत्री योगीजी हैं।
2017 में आई थी कांग्रेस की 7 सीटें
2017 विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच जुगलबंदी हुई थी। हालांकि इसका परिणाम अच्छा नहीं हुआ। समाजवादी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई, वहीं कांग्रेस पार्टी 7 सीटों पर सिमट कर रह गई। ‘यूपी के लड़के’ वाला फार्मूला बिल्कुल फेल हो गया है।
जीतने वाले उम्मीदवारों पर नजर डालें तो सहारनपुर से मसूद अख्तर, बेहट से नरेश सैनी, हरचंदपुर से राकेश सिंह, रायबरेली से अदिति सिंह, कानपुर कैंट से सोहेल अख्तर अंसारी, रामपुर खास से आराधना मिश्रा, तमकुही राज से अजय कुमार लल्लू जो यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।