राज्य उत्तराखंड

रेशम उत्पाद और उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद की 20 वीं बैठक का आयोजन

Organizing meeting

देहरादून। किसान भवन में रेशम उत्पाद और उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद की 20 वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने की। इस दौरान उन्होंने कई अहम दिशा निर्देश भी दिए। बीते गुरुवार को रिंग रोड स्थित माधो सिंह भंडारी किसान भवन में रेशम उत्पाद और उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद की 20 वीं बैठक लेते हुए कृषि मंत्री उनियाल ने विभागीय अधिकारियों को किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने, जैविक खेती को बढावा देने, किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाने और पहाड़ों से पलायन रोकने हेतु केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलायी जाने वाली योजनाओं का लाभ किसानों को देने के निर्देश दिए।

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कृषि मंत्री ने रेशम विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए निर्देश दिये कि वर्तमान में रेशम से जुड़े 6 हजार कार्मिकों से 10 हजार तक जोड़ने की रणनीति बनायें और उस पर अमल करें साथ ही वर्तमान उत्पादन में बढोतरी करें और पिथौरागढ, देहरादून, बागेश्वर और अल्मोड़ा में रेशम उत्पाद के लिए किये जा रहे विशेष प्रयासों को सही तरह से अमलीजामा पहनायें। उन्होने कहा कि रेशम उत्पाद से बहुत ही गरीब तबका जुड़ा है और उनके अनुभव लेते हुए उसमें उनके हित के अनुसार सुधार करें।

बता दें कि कृषि मंत्री ने जैविक उत्पाद परिषद की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को अधिकाधिक जैविक खेती से जोड़े और इसके लिए गोष्ठी जैसे जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हुए उन्हें प्रेरित करें। उन्होने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार को हर प्रकार से खेती-किसानी को संवारने और पलायन रोकने हेतु सभी मदों में लगातार वित्त, प्रशिक्षण और अन्य संसाधन मुहैया करा रही है तथा सभी कार्मिक इस तरह से कार्य करें कि इनपुट के मुकाबले आउटपुट अच्छा हो, साथ ही धीरे-धीरे उत्पाद बढोतरी करते हुए सरकारों पर वित्तीय निर्भरता समाप्त करें और स्वयं के ससांधन विकसित करें। उन्होने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य को जैविक उत्पाद के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार दिया गया है।

वहीं बैठक में सचिव कृषि एवं उद्यान डी सैंथिल पाण्डियन ने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिये कि संविदा कार्मिकों अथवा दैनिक वेतनभोगी कार्मिकों को परिणाम आधारित इन्सेटिव वेतन भुगतान करने की प्रक्रिया अमल में लायें, जिससे कार्मिक और अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्ररित हों सके साथ ही रेशम उत्पाद को बढाने और जैविक उत्पाद में किसानों को आकर्षित करने हेतु इनोवेटिव प्रसास कसें। उन्होने कहा कि कृषक कल्याण हेतु किसानों तथा रेशम उत्पादों के साथ-2 अन्य अनुभवी विशेषज्ञों की सलाह को अमल में लाते हुए प्रस्ताव बनायें और मार्केटिंग को दुरूस्त करने के लिए जैविक उत्पादों का प्रचार-प्रसार करें और विभिन्न क्रेता को इसके लिए तैयार करें। इस अवसर पर अपर सचिव मेहरबान सिंह बिष्ट, निदेशक कृषि गौरी शंकर सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

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