चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने श्री दरबार साहिब में लंगर के लिए खरीदी जाने वाली सामग्री पर जीएसटी कर को माफ कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने श्री दुर्ग्याणा तीर्थ पर लगने वाले जीएसटी को भी माफ कर दिया है। जीएसटी माफ करने को लेकर सरकार की ओर से पेश प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। वहीं अब कैप्टन सरकार लंगर पर लगने वाले जीएसटी को माफ करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी । मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा की कि राज्य सरकार अपना जीएसटी माफ करती है।बाद में इसके दायरे में दुर्ग्याणा तीर्थ और भगवान राम तीर्थ में लगने वाले लंगर को भी शामिल कर लिया गया है।
इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा की, कि अभी से राज्य सरकार श्री दरबार साहिब की लंगर सामग्री पर लगने वाले अपने जीएसटी का हिस्सा माफ करती है। वित्तमंत्री ने इस पर प्रस्ताव पेश कर दिया और इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही मनप्रीत ने प्रस्ताव पेश किया कि केंद्र सरकार भी लंगर के लिए खरीदे गए सामग्री पर जीएसटी माफ करे। दोनों प्रस्तावों कोे कांग्रेस, आप, शिअद और भाजपा विधायकों ने सर्वसम्मति से पास कर लिया। इस पर विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग रखी कि लंगर पर जीएसटी माफ करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव पास कर भेजना चाहिए। लेकिन, इससे पहले राज्य सरकार जीएसटी में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दे।
बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर लंगर रसद पर लगने वाले जीएसटी पर जमकर राजनीति हुई। कांग्रेस के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने लंगर पर जीएसटी माफ नहीं करवा पाने के लिए शिरोमणि अकाली दल और भाजपा को घेरा। इस पर पूर्व वित्तमंत्री व अकाली विधायक परमिंदर सिंह ढींढसा ने कहा कि जीएसटी काउंसिल के सदस्य वित्तमंत्री मनप्रीत बादल है और जीएसटी का फैसला काउंसिल में होना है। भारत सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती। इस पर वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि उन्होंने तीन बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट रूप से इससे इन्कार कर दिया।