Haridwar Kumbh Mela 2021: पांच अप्रैल को जूना अखाड़ा से संबंधित एक हजार संन्यासी नागा संन्यास दीक्षा लेंगे। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि संन्यासियों को नागा संन्यासी के रूप में दीक्षा देंगे। आपको बता दें कि यह पूरा कार्यक्रम पूरी तरह से गोपनीय होगा। संन्यासी अखाड़ों की परंपरा में नागा संन्यासियों को दीक्षितदी जाएगी। इसे केवल कुंभ के अवसर पर किया जाता है। इस कार्यक्रम में संतों के अलावा कोई और शामिल नहीं हो सकता है।
योग्य व पात्र साधुओं को मिलेगी दीक्षा
नागा संन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सचिव व कुंभ मेला प्रभारी श्रीमहंत महेशपुरी ने संन्यास दीक्षा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संन्यास दीक्षा के लिए चार मढिय़ों के नागा संन्यासी बनने के इच्छुक संन्यासियों का पंजीकरण किया जा रहा है। जो भी पंजीकरण के आवेदन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि केवल योग्य और पात्र साधुओं को नागा दीक्षा दी जाएगी। महंत महेशपुरी ने बताया कि नागा संन्यासी बनने के लिए कई कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। इसके लिए सबसे पहले नागा संन्यासी को महापुरुष के रूप में दीक्षित कर अखाड़े में शामिल किया जाता है।
सांसारिक वस्त्रों का करना होगा त्याग
सांसारिक वस्त्रों का त्याग कर कोपीन दंड, कमंडल धारण करता है। इसके बाद पूरी रात्रि धर्मध्वजा के नीचे बिरजा होम में सभी संन्यासी भाग लेते है और पुरुष सुक्त के मंत्रों के उच्चारण के साथ रातभर आहूति देते हुए साधना करते हैं। आपको बता दें कि दीक्षा का पूरा कार्यक्रम अखाड़े के आचार्य के देखरेख में पूरा कार्यक्रम होता है। दीक्षा ग्रहण करने के बाद सभी सन्यासी पवित्र नदी तट पर पहुंचकर स्नान कर सन्यास धारण करने का संकल्प लेते हैं। इसके अलावा गायत्री मंत्र के जाप के साथ सभी देवी देवताओं को साक्षी मानकर खुद को संन्यासी घोषित करते हुए पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं।