370 तोड़कार मोदी ने तोड़ा शेख अब्दुल्ला का सपना
नौ अगस्त को नेशनल कांफ्रेस संस्थापक को लिया गया था हिरासत में
भारत खबर, राजेश विद्यार्थी की रिपोर्ट
जम्मू कश्मीर।
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के पूर्व प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का सपना तोड़ दिया। नौ अगस्त 1953 को शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया था। शेख अब्दुल्ला का सपना था कि वह जम्मू कश्मीर को स्वीजरलैड की तर्ज पर गणराज्य, रायशुमारी या पूर्ण स्वायत्तता वाला राज्य बनाएंगे। कई सालों तक जेल मे रहने के बाद 1975 को देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शेख अब्दुल्ला से समझौता करके जम्मू कश्मीर में सत्ता की बागडोर दोबारा सौंपी।
जम्मू विश्वविद्यालय में आईसीएचआर के पूर्व सदस्य एवं इतिहास कार प्रो हरी ओम ने भारत खबर से बातचीत के दौरान बताया नौ अगस्त आज ही के दिन शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया था। वह एक तरफ पाकिस्तान में जिन्ना के संपर्क में थे तो वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर को पूर्ण स्वायत्तता और आजाद जम्मू कश्मीर बनाने का सपना देख रहे थे। जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार संविधान की धारा 370 में दिया गया था। इसके तहत जम्मू कश्मीर का अलग संविधान और झंडा था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी एक संविधान एक प्रधान का नारा लेकर 1950 में एक विशाल आंदोलन किया था। जम्मू कश्मीर में अलग संविधान के कारण राज्य का मुखिया भी प्रधानमंत्री था। आईसीएचआर के पूर्व सदस्य रह चुके प्रो हरी ओम के अनुसार पिछले 70 सालों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के सपने को चूर चूर कर दिया। इस एजेंडे को नेशनल कांफेेस ने भी आगे बढ़ाया और 1996 के विधानसभा चुनावों मे जम्मू कश्मीर को स्वायत्ता और जम्मू व कश्मीर व लदाख को क्षेत्रीय स्वायत्तता प्रदान करने के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद ने प्रधानमंत्री को नाम बदलकर मुख्यमंत्री रखने का कानून पास कराया।
भाजपा से पूर्व मंत्री एवं इतिहास विभाग के प्रो निर्मल सिंह के अनुसार भाजपा का जम्मू कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय का मुख एजेंडा रह है। हर घोषणापऋ में धारा 370 हटाने की एजेंडा रखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धारा 370 और 35 ए हटाकर जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को राजनीतिक अधिकार दिए हैं। लदद्ाख और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाकर जम्मू कश्मीर का पूर्ण विलय किया। जो राजनीतिक दल, अलगाववादी जम्मू कश्मीर में आजादी, पाकिस्तान समर्थन या स्वायत्तता की पिछले कई दशकों से मांग करते रहे हैं। उन्हें भी सबक सिखा दिया गया है। ऐसी अलगाववादी सोच जो शेख अब्दुल्ला की मुस्लिम कांफ्रेस द्वारा पनपी थी। उसे करारा जवाब दिया गया है। इस साजिश रचने के आधार पर ही नौ अगस्त 1953 को शेख अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया था।