लखनऊ। बेरोजगारी की बढ़ती समस्या ने पूरे देश को जकड़ लिया है। इस समय ज्यादातर लोग पढ़-लिखकर अपने घरों में बेरोजगार बैठें है। गांवो में लड़कियों को पढ़ाने के बाद गांव में ही रोक लिया जाता है। उन्हें बाहर जाकर नौकरी नहीं करने दी जाती है। इस बढ़ती बेरोजगारी के कारण उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 58 हजार महिलाओं को रोजगारी देने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक साथ 58 हजार महिलाओं को बैकिंग करेस्पांडेंट (बीसी) सखी के रूप में रोजगार उपलब्ध कराया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीसी सखी के रूप में चयनित सभी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित कर उन्हें कार्य स्थल पर तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं। अब आप आसानी से अपने गांव में ही बैंकिंग संबंधी सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
एक ग्राम पंचायत पर एक महिला को रोजगार-
बता दें कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर एक बैठक में बताया कि बीसी सखी के रूप में 58 हजार महिलाओं के चयन का काम पूरा हो गया है। योगी ने कहा कि बीसी सखी की तैनाती से ग्राम पंचायत स्तर पर एक महिला को रोजगार मिलेगा। बीसी सखी पंचायत भवन से कार्य संचालित करेंगी। इससे गांव के लोगों को अपने गांव में ही बैंकिंग संबंधी सुविधाएं प्राप्त होंगी। सीएम योगी ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन को यूपी कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग की संस्तुतियों एवं निर्देशों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कामगारों व श्रमिकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अधिकाधिक सेवायोजन और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सरकार ने यह आयोग गठित किया है।
कामगारों के लिए कार्ययोजना तैयार हो रही-
सरकार कामगारों व श्रमिकों के सामाजिक व आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जिस प्रकार कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने व उससे बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उसी तरह कार्ययोजना तैयार कर कामगारों व श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्रवाई व्यापक स्तर पर की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी ने राजस्व संग्रह में वृद्धि के लिए सभी संबंधित विभागों को कार्ययोजना के हिसाब से प्रभावी ढंग से कार्रवाई जारी रखने के निर्देश दिए हैं।