कोरोना का कहर देश और दुनिया में जारी है। लाख कोशिशों के बाद भी इस महामारी से बचने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है। ऐसे में लोग सिर्फ अपनी जान ही नहीं गंवा रहे बल्कि उनके माल पर भी खतरा मंडराने लगा है। लगातार बढ़ते लॉकडाउन ने देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है।
इसका असर छोटी हो या बड़ी सभी कंपनियों पर पड़ रहा है। इस वक्त देश की कार कंपनियों पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दें देश में अप्रैल कार निर्माता कंपनियों के लिए अब तक सबसे बुरा महीना साबित होने वाला है । इस महीने पूरे भारत में एक भी नई कार नहीं बिकी है। कार कंपनियां अब इस चिंता में हैं कि घाटे से कैसे बाहर निकला जाए।
स्कोडा कार निर्माता कंपनी के प्रमुख जैक हॉलिस ने हाल ही में एक ट्वीट के जरिए कहा है कि अप्रैल महीने में उनकी एक भी कार नहीं बिकी है। यही हाल अन्य कार कंपनियों का भी है। मारूति सुजुकी और ह्यूंडे जैसी कंपनियों के भी शोरूम बंद हैं। टाटा ने भी अपनी कारों को ऑनलाइन बेचने का नायाब तरीका निकाला है। लेकिन इसके बावजूद बाजार में फिलहाल कोई बड़ी कामयाबी नहीं दिख रही।
जिसका असर साफ दिख रहा है। ऐसे में आटोमोबाइल सेक्टर में सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है। लोगों में नौकरी जाने का डर बना हुआ है। कुछ लोग तो बेरोजगार भी हो चुके हैं। जिसके सदमें से फिलहाल निकला मुश्किल लग रहा है।
हालकि सरकार की तरफ से लगातार कोशिश का जा रही है की गिरती अर्थव्यवस्था को संभाला जाए। लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी आर्थिक नीतियां फैल होती हुई दिख रही हैं।
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लॉकडाउन का असर सभी तरह की छोटी-बड़ी कंपनियों पर पड़ रहा है। जिससे फिलहाल तो निकलना मुश्किल लग रहा है। सरकार गिरती अर्थव्यवस्था को आने वाले समय में कैसे संभालती है। इस पर सबकी नजर टिकी हुई है।