नोएडा के सेक्टर 93 में बने सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर दोपहर ढाई बजे ढहा दिए गए। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर को गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगा। ब्लास्ट से पहले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटाया गया।
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नोएडा के सेक्टर-93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन टावरों को ध्वस्त होते हुए देखने के लिए लोग इकट्ठे हो गए। वह इस ऐतिहासिक क्षण को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं और मोबाइल में कैद करना चाहते थे। देश में यह पहली बार है कि 100 मीटर ऊंची इमारत ढहाई गई हो।
प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के अनुसार टावर गिराने में वाटरफॉल तकनीक इस्तेमाल किया गया । ये एक तरह का वेविंग इफेक्ट होता है, जैसे समंदर की लहरें चलती हैं। बेसमेंट से ब्लास्टिंग की शुरुआत होगी और 30वीं मंजिल पर खत्म होगी। इसे इग्नाइट ऑफ एक्सप्लोजन कहते हैं।
250 मीटर को बनाया गया एक्सक्लूजन जोन
ट्विन टावर के पास 250 मीटर और कहीं-कहीं इससे भी ज्यादा दूरी का एक्सक्लूजन जोन बनाया गया है। इसमें सिर्फ 6 लोग रहेंगे. टावर गिराए जाने के दौरान आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को अपनी छतों और बालकनी पर जाने की इजाजत नहीं है।
10 किलोमीटर इलाके को नो-फ्लाई जोन बनाया
ट्विन टावर के ऊपर 10 किलोमीटर इलाके को नो-फ्लाई जोन बनाया गया है।. आसपास की सड़कों पर आवाजाही बंद रहेगी। दोपहर 2 बजे काउंटडाउन शुरू होगा। 2.30 बजे एक रिमोट बटन दबाते ही दोनों टावर मलबे में बदल जाएंगे।
नोएडा स्थित ट्विन टावर को गिराने के लिए करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल होगा। भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। टावर के आसपास करीब 1 किमी घेरा बनाकर तैनात रहेंगे।
अलर्ट पर अस्पताल
ट्विन टावर गिराने से पहले आसपास के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है साथ ही कई एंबुलेंस की तैनाती की गई है। इसके अलावा लोगों को मास्क लगाने की सलाह दी गई है।