नई दिल्ली। गुजरात और हिमाचल विधानसभा में जीत के बावजूद भी बीजेपी का सिरदर्द खत्म नहीं हो रहा। एक तरफ पहले हिमाचल का मुख्यमंत्री चुनना कठिन हो रहा था तो वहीं दूसरी तरफ गुजरात की राजनीति में उठा-पटक मची हुई है। सभी नेताओं को उनके विभाग बांटे जा चुकें हैं, लेकिन नितिन पटेल अपना मंत्रालय छिने जाने से बीजेपी से खासे नाराज हो गए हैं।यहां तक की उन्होंने इस्तीफे की बात भी कह दी है।
नितिन पटेल का कहना है कि ये अब उनके आत्म सम्मान का मुद्दा है।बीजेपी में हुई इस हलचल पर कांग्रेस अपनी नजर बनाए हुए है वहीं पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और लालजी पटेल ने नितिन पटेल को समर्थन देने की घोषणा की है। नितिन पटेल को जो विभाग मिले हैं उसकी अभी तक उन्होंने जिम्मेदारी भी नहीं संभाली है और बीजेपी हाईकमान को अल्टीमेटम दे चुके हैं।
खबर के अनुसार, देर रात में उनकी पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से लंबी बात-चीत हुई। इसके चलते मुख्यमंत्री विजय रुपाणी व उपमुख्यमंत्री दोनों ही कार्यालय नहीं गए। शपथ ग्रहण समारोह में ही नितिन की नाराजगी देखी जा रही थी।उनसे विभाग छिनकर सौरभ पटेल को दे दिया गया। यहां तक की नितिन पटेल के मुख्यमंत्री बनने के आसार नजर आ रहे थे, लेकिन उन्हें उपमुख्यमंत्री पद का भार मिल गया।अब वित्तमंत्रालय व शहरी विकास मंत्रालय छिन जाने से नितिन पटेल पार्टी व सरकार से रूठ गए।
गौरतलब है कि नितिन को सड़क व भवन निर्माण, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण, मेडिकल शिक्षा, नर्मदा, कल्पसर व राजधानी योजना मंत्रालय सौंपे गए हैं। नितिन के समर्थक में कई सारे नेता आ खड़े हुए हैं।उन्होंने बीजेपी पर पाटीदारों की एकता तोड़ने का आराो लगाया। चुनाव से पहले नितिन व हार्दिक पटेल दोनों आमने सामने थे लेकिन इस मौके पर जब हार्दिक ने नितिन से मिलने की इच्छा जताई तो नितिन ने कहा कि वे घर पर ही बैठे हैं, आने वाले सभी का स्वागत है।