लखनऊ: भोजपुरी पंचायत की ओर से भोजपुरी फिल्म जगत का बहुचर्चित अवार्ड ‘सबरंग फिल्म अवार्ड’ इस साल 13 अप्रैल को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए रविवार को राजधानी में एक प्रेस कांफ्रेंस की गई।
प्रेस कांफ्रेंस में जब निरहुआ और आम्रपाली से पूछा गया कि, भोजपुरी सिनेमा की हीरोइनों को देखें तो अब तक की हिट हीरोइनें भोजपुरी भाषी क्षेत्रों की नहीं हैं। चाहे वो काजल राघवानी हों या पाखी या रानी चटर्जी। इस पर दोनों ने कहा कि अवसरों की कमी सबसे बड़ी वजह रही है। साथ ही माहौल की भी बड़ी भूमिका है।
‘फिल्मों में यूपी-बिहार के कलाकारों का डंका’
उन्होंने कहा कि, यूपी-बिहार के लोग बेटियों के बाहर निकलने में संकोच करते हैं। फिल्मों में आना तो बड़ी चुनौती होगी, लेकिन अब कई हीरोइनें आ गई हैं। फिल्मों में यूपी-बिहार के कलाकारों का डंका बज रहा है। लोकल कलाकारों की वजह से फिल्मों के लिए सब्सिडी मिलती है। आगे और भी बदलाव देखने को मिलेंगे।
वहीं, सबरंग भोजपुरी अवॉर्ड समारोह के बारे में इंडो अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आइएसीसी) के एक्जीक्यूटिव काउंसिल मेंबर, यूपी कमेटी के चेयरमैन व लखनऊ चेप्टर के चेयरमैन मुकेश सिंह ने बताया कि, इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से फिल्मों के लिए किए गए कार्यों पर भी चर्चा की जाएगी।
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूर रहे ये कलाकार
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे, मनोज सिंह टाईगर, कुलदीप श्रीवास्तव, उदय भगत, मनीष सिंह मौजूद रहे। कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि, सबरंग अवॉर्ड में भोजपुरी फिल्म जगत की सभी हस्तियाँ मौजूद रहेंगी। साथ ही भोजपुरी के प्रचार प्रसार से जुड़े अप्रवासी भी इसका हिस्सा बनेंगे।
‘भाषा को अपनाने के साथ कल्चर को भी जोड़े रखना जरूरी’
कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि भोजपुरी सिनेमा सिर्फ बोली को बेच रहा है, लेकिन जो गांव कि संस्कृति है, उससे किनारा किया जा रहा है। तो वहां मौजूद निरहुआ, आम्रपाली और मनोज सिंह टाइगर ने एक सुर में इस पर सहमति जताते कहा कि, बिल्कुल इससे किनारा करना नुकसानदायक हो रहा है। अगर हम गांव की संस्कृति जहां पर एक कपड़े पहनने से लेकर खाने पीने, बोलचाल, रहन सहन ही अलग है, उससे किनारा करेंगे तो हम खुद दूर हो जाएंगे। इसको जोड़ना बेहद जरूरी है।
‘यूपी को कला व संस्कृति का संगम बनाने की तैयारी’
मनोज सिंह टाइगर ने इस अवसर पर कहा कि, यूपी में फिल्म सिटी की तैयारी चल रही है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। हमारी कोशिश यही है कि यूपी को कला और संस्कृति का संगम बनाया जाए।
इंडो अमेरिकन चैंबर करेगा सहयोग
वहीं, मुकेश सिंह ने बताया कि, इंडो अमेरिकन चैम्बर आफ कामर्स की मदद से देश के बड़े उद्योगपतियों को इससे जोड़ा जाएगा, जिससे आर्थिक मैनेजमेंट सही रहेगा। उद्योगपतियों से सरकार और भोजपुरी सिनेमा दोनों को फायदा होगा। गांव में प्रतिभाओं को मंच देने में मदद मिलेगी।