नीमच। उच्च शिक्षा और करोड़ों की संपत्ति का मोह छोड़कर शहर के सुमित राठौर और उनकी पत्नी अनामिका दिक्षा ले रहे हैं। इतना ही नहीं वो अपनी 2 साल की बेटी को भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। 23 सितंबर को दोनों पती पत्नी गुजरात के सूरत में साधूमार्गी जैन आचार्य रामलालाजी के सान्निध्य में जैन भगवती दीक्षा ग्रहण करेंगे। दोनों इसके लिए अपनी बच्ची को भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। अनामिका के परिजनों ने उन्हें ऐसा करने के लिए अनुमति दे दी है। लेकिन सुमित के परिवार वाले इस मामले को लेकर चुप हैं।
बता दें कि नीमच सिटी के बड़े कारोबारी और वरिष्ठ नागरिक नाहरसिंह राठौर का परिवार इन दिनों समाज में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। राठौर के पुत्र राजेंद्रसिंह राठौक का छोटा बेटा सुमित राठौर और पत्नी अनामिका 23 सितंबर को जैन आचार्य रामलालजी के सान्निाध्य में दीक्षा लेने का निर्णय लिया है। यह दीक्षा कई मायनों में सुर्खियों में इसलिए भी है कि एक बार पहले इनकी दीक्षा का कार्यक्रम निरस्त भी हो चुकी है। दूसरी ओर राठौर की करोड़ों की पैतृक संपत्ति सुख-सुविधाओं और वैभव को त्याग बेहद कम आयु में दीक्षा का निर्णय लेकर सुमित और पत्नी अनामिका ने सभी को चौंका दिया है।
वहीं जिलाध्यक्ष और बड़े व्यापारी अशोक चंडालिया की बेटी अनामिका से हुई। उनकी बेटी इभ्या वर्तमान में 2 साल 10 माह की है। बेटी के जन्म के बाद से सुमित और पत्नी अनामिका शील व्रत (ब्रह्मचर्य) का पालन कर रहे हैं। शील व्रत की दो साल से ज्यादा की अवधि पूर्ण होने पर अब वे जैन भगवती दीक्षा ले रहे हैं। अनामिका के परिजन दीक्षा के लिए स्वीकृति दे चुके हैं। साथ ही इभ्या को भी अपने साथ कपासन ले आए हैं।