केंद्रीय राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल जी आज आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जबलपुर में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा आयोजित 1842 की बुंदेला क्रांति के महानायक राजा हिरदेशाह लोधी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एवं नाट्य मंचन कार्यक्रम में शामिल हुए।
यह भी पढ़े
प्रशांत किशोर ने ठुकराया सोनिया गांधी का ऑफर, कांग्रेस में नहीं होंगे शामिल, किया ट्वीट
इस अवसर पर प्रो. ए.डी.एन वाजेपयी जी, डॉ बी. के. लोधी, पूर्व उप सचिव एवं निदेशक, राष्ट्रीय गैर अधिसूचित जनजाति आयोग, विधायक जालम सिंह पटेल जी, इतिहासकार श्री राजेंद्र पटेल जी, वरिष्ठ पत्रकार श्री रविंद्र वाजपेयी जी व बड़ी संख्या में गणमान्य शामिल रहे।
केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जी का हृदय से अभिनंदन करता हूं, कि जब आजादी के 75 वर्ष की बात आई तो उन्होंने कहा कि इतिहास में जिन महा बलिदानियों के नाम नहीं है अगर उन्हें स्मरण करेंगे तो आजादी का अमृत महोत्सव अमर हो जाएगा। ये माननीय प्रधानमंत्री जी दूरदर्शिता और सोच का ही नतीजा है कि आज देश आजादी के 75वें वर्ष में उन गुमनाम बलिदानियों को याद कर रहा है।
देश के इतिहास और अमर शहीदों के बलिदान से हमे प्रेरणा लेनी चाहिए, युवा पीढ़ी को इतिहास की बारीकियों को जानने की आवश्यकता है। 1842 क्रांति के प्रेणता क्रांतिकारी राजा हिरदेशाह और अन्य बलिदानियों के इतिहास को उनके त्याग तपस्या को जानने की आवश्यकता है। बेहद अफसोस और दुख का विषय है कि राजा हिरदेशाह के वंशजों के पास आज कोई जमीन जायदाद नहीं है। राजा हिरदेशाह के वंशल व अन्य बलिदानियों के नामों का अनुसंधान किया जा रहा है।
ऐसे गुमनाम शहीदों को प्रधानमंत्री के आव्हान पर चल रहे 75वें आजादी महोत्सव के दौरान याद कर उनका इतिहास जाना जा रहा है। जरूरत है कि क्रांतिकारियों के लिए होने वाले आयोजनों में सभी संगठनों और राजनैतिक दलों के लोग सहभागिता करें। हमें पूर्व की भूलों व कमियों से सबक लेने की जरूरत है।