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जानिए: क्या-क्या है मोदी सरकार के अंतिम बजट के पिटारे में

piyush goyel जानिए: क्या-क्या है मोदी सरकार के अंतिम बजट के पिटारे में

नई दिल्ली। अंतरिम बजट पेश होने से महज 24 घंटे पहले वाणिज्य मंत्रालय ने मीडिया से कहा कि इसे अंतरिम बजट न माना जाए। यह पूर्ण बजट ही होगा। हल्ला मचने पर देर शाम को वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह अंतरिम बजट ही होगा। लेकिन शुक्रवार सुबह जब वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश करना शुरू किया तो पता चला कि यह तो पूर्ण बजट जैसा ही था। बजट घोषणाओं के तरिए मोदी सरकार ने इस बार मुख्य रूप से किसानों, गरीबों, मज़दूरों और मध्यम वर्ग पर ही निशाना साधा। साथ ही प्रखर हिंदुत्व के एजेंडे के लिए प्रतिबद्धता भी जताई। उन्होंने आयकर में छूट की सीमा दोगुनी कर उस मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को ख़ुश कर दिया जो पिछले चार सालों के दौरान छूट की सीमा न बढ़ने से भाजपा से नाराज बैठा था।

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हालांकि यह सिर्फ एक अप्रैल से 30 जून तक(तीन महीनों) का अंतरिम बजट है, वित्तमंत्री ने इनकम टैक्स से छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने कर दी। बहुप्रतीक्षित यूनिवर्सल बेसिक इनकम(यूबीआई) तो लागू नहीं हुई लेकिन तो 15,000 रुपए मासिक की आय वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के 10 करोड़ श्रमिकों के लिए 3000 रुपए की मासिक पेंशन की घोषणा की। निर्बल वर्गों के बुजुर्ग और निर्बलों लिए यह धनराशि किसी बड़े वरदान से कम नहीं है। भाजपा को आशा है कि ये लोग भी चुनाव में आशीर्वाद भी उसी को देंगे। नौकरीपेशा लोगों की तरह ही किसान भी भाजपा से नाराज बैठे थे। तीन राज्यों के चुनाव से पहले किसानों के आंदोलन से सरकार को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। वे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को दोगुना किए जाने की मांग कर रहे थे।

बता दें कि सरकार की घोषणाओं से वे संतुष्ट महीं थे। इसलिए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार मे उन्हें लुभाने की पूरी तैयारी कर ली। वित्त मंत्री ने दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों के खाते में छह हज़ार रुपये साल डालने की घोषणा की। इसके तहत दो हज़ार रुपये प्रति फसल, तीन फ़सलों के लिए दिए जाऐंगे। चूंकि यह फैसला दिसंबर से लागू होगा, इसलिए लग रहा है कि पहली किस्त के 2000 रुपए तो हर किसान के खाते में चुनाव होने से पहले पहुंच जाएंगे। गोवंश रक्षा के जरिए हिंदुत्व के एंजेडे पर काम इसी तरह राष्ट्रीय गोकुल आयोग की स्थापना कर ७५० करोड़ रुपये की धनराशि के जरिए राष्ट्रीय कामधेनु मिशन के तहत गौमाता की रक्षा का प्रण किया। यह भाजपा और संघ परिवार के हिंदुत्व के एजेंडे के एजेंडे को बढाने वाला फैसला है।

अटल की याद में

अपने भाषण में गोयल ने कहा कि उनकी सरकार स्पष्ट नीति, साफ नीयत और अटल निष्ठा का पालन करती है। इसके जरिए उन्होंने चुमाव में भावनात्मक लाभ उठाने के लिए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिलाई।

रिपोर्ट कार्ड पेश

केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक ओर जहां मोदी सरकार का पांच साल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया वहीं लोकलुभावनी घोषणाओं के जरिए डेढ़ महीने बाद होने वाले आम चुनाव के लिए वोटों पर निशाना साधा। उन्होंने न सिर्फ आयकर में छूट की सीमा दोगुनी कर मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को ख़ुश कर दिया वहीं किसानों और मज़दूरों के लिए घोषणा कर एक बड़े वोटबैंक के साधने का प्रयास किया। साथ ही दस सालों का ख़ाका खींचकर यह आभास दिया कि वे 2019 ही नहीं बल्कि मिशन 2029 की तैयारी कर रहे हैं।

मिशन 2029 पर काम चालू

वित्त मंत्री ने अगले 10 सालों के विकास का खाका खींच कर न सिर्फ ख़ुद को आत्मविश्वास से भरपूर दिखाया, साथ ही लोगों की उम्मीदों को भी पंख लगा दिए। उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर(3600 करोड़ रुपए) की और 8 सालों में 10 ट्रिलियन डॉलर (यानी 7200 करोड़ रुपए) की अर्थव्यवस्था बन जाएगी। उन्होंने इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए जरूरी क़दमों का भी उल्लेख किया।

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