featured धर्म

काशी: महाश्मशान पर धधकती हुई चिताओं के बीच जमकर खेली भस्म की होली

holi काशी: महाश्मशान पर धधकती हुई चिताओं के बीच जमकर खेली भस्म की होली

 

आज यानि शनिवार को तीन सौ साल पुरानी चिता भस्म की होली की परम्परा को निभाने काशीवासियों का हुजूम महाश्मशान मर्णिकर्णिका घाट पर उमड़ पड़ा। धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली खेली। इस मौके पर योगी सरकार की तरफ से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए।

यह भी पढ़े

Australia: ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू मंदिर में की तोड़फोड़, लिखे देशविरोधी नारे

ढोल-नगाड़े और डमरूओं के निनाद के बीच हजारों शिव भक्तों की टोलियां सुबह 11 बजे से महाश्मशान की ओर पहुंचने लगी। शिव के गण यक्ष, गंधर्व, किन्नर, औघड़ सब महाश्मशान पर चिताओं के भस्म की होली खेलने पहुंचे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास स्थित इस महाश्मशान पर इस ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं वाली विश्व की अनूठी होली को कैमरों के कैद करने की होड़ मच गई। शिव-पार्वती के स्वरूप के साथ पहुंचे भोलेनाथ के गणों ने चिताओं की भस्म से होली खेलनी शुरू कर दिया।

 

holi काशी: महाश्मशान पर धधकती हुई चिताओं के बीच जमकर खेली भस्म की होली

हिन्दू धर्म में होली पर्व का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होली महोत्सव को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।इस वर्ष यह पर्व 08 मार्च 2023, बुधवार के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन देश और दुनिया से लोग अजब होली का आनंद लेने के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी में एकत्रित होते हैं। आपको बता दें कि यहां मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट पर रंगभरी एकादशी के ठीक अगले दिन यानि आज, जलती हुई चिताओं के बीच जमकर होली खेली जाती है। आइए जानते हैं मसाने की होली से जुड़ी कथा और इसका धार्मिक महत्व।

018b74e0ceeae88d475b947fa19bfe2c काशी: महाश्मशान पर धधकती हुई चिताओं के बीच जमकर खेली भस्म की होली

मसाने की होली की पौराणिक कथा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भोलेनाथ माता पार्वती को गौना करा कर वापस ले जा रहे थे। तब भगवान शिव के गण और देवता फूल और रंगों से होली खेल रहे थे। लेकिन शमशान में बाबा के परम भक्त अर्थात भूत-प्रेत और अघोरी इस खुशी से वंचित रह गए। जब यह बात भगवान शिव को पता चली तो वह अगले दिन गाजे-बाजे के साथ उनका दुख दूर करने के लिए शमशान पहुंच गए और जलती चिताओं के बीच राख से होली खेली। आज भी उस परंपरा उसी हर्षोल्लास के साथ पूरी की जाती है। आमतौर पर मणिकर्णिका घाट पर लोग अपने परिजन को अंतिम विदाई देते हुए नजर आते हैं। लेकिन आज के दिन इस घाट का अलग ही नजारा देखने को मिलता है। यहां भगवान शिव के भक्त चिताओं के बीच झूमते हुए और नाचते-गाते चिता की भस्म से होली खेलते हैं।

2021 3image 11 02 117206566holi ll काशी: महाश्मशान पर धधकती हुई चिताओं के बीच जमकर खेली भस्म की होली

मसाने की होली का महत्व

हिंदू धर्म में काशी को मोक्ष की नगरी के रूप में जाना जाता है। वहीं आज के दिन शमशान घाट में खेली गई इस होली का महत्त्व भी बहुत अधिक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां चिता की राख से खेली गई होली से मृत्यु का भय दूर हो जाता है। साथ ही मसाने की होली खेलने से बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है और सभी प्रकार की तांत्रिक बाधाएं दूर हो जाती है।

Related posts

भारतीय सिनेमा की स्वाधीनता संग्राम में महत्पूर्ण भूमिका

mohini kushwaha

मटका से पानी पीने पर दलित युवक की पिटाई, जानें क्या है पूरा मामला

Rahul

गैरसैंण में आयोजित होगा इस बार का बजट सत्र, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताई ये वजह

Aman Sharma