पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की चौथी पुण्यतिथि है। अटल बिहारी वाजपेयी का निधन चार साल पहले 16 अगस्त को हुआ था। अटल बिहारी वाजेपी बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता थे। अटल जी की भाषण शैली गजब की थी, रैलियों में उनका भाषण को जानबूझ कर आखिर में रखा जाता था, लाखों लोगों की भीड़ केवल उन्हें सुनने के लिए रुकी रहती थी।
अटल जी के किस्से
एक बार की बात है जब फिल्म निर्देशक पद्म श्री डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने एक कार्यक्रम में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर और अटल बिहारी वाजपेयी की मुलाकात का किस्सा सुनाया था। डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि अटल जी ने बताया था कि एक बार उनकी मुलाकात ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर से हुई। इस दौरान इंदिरा गांधी ने अटल जी का थैचर से यह कहते हुए परिचय कराया कि ये अटल जी हैं, हिंदी में बहुत अच्छा भाषण देते हैं।
इस पर अटल जी ने तंज कसते हुए कहा कि एक बार ऐसा सोच कर देखें कि अगर मैं ब्रिटेन में हूं और कोई मेरा परिचय उनसे कराए और कहे कि यह मारग्रेट थैचर हैं और बहुत अच्छी अंग्रेजी बोलती हैं, तो कैसा लगेगा। अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि अगर हिंदी में हम अपनी बात नहीं कहेंगे तो किस भाषा में कहेंगे।
आपको बता दें कि साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी ने महज 13 दिन में ही प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। हालांकि वह 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री के पद के लिए चुने गए. फिर तीसरी बार 1999 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। तब उन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा के लिए चुने गए थे।
यूएन में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री वाजपेयी
भारत के पूर्व पीएम वाजपेयी हिंदी में संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे। 4 अक्टूबर, 1977 को उन्होंने जब हिंदी में भाषण दिया, तो यूएन तालियों से गूंज उठा था।