INS Mormugao: भारतीय नौसेना में आज विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ को शामिल किया जाएगा। इस युद्धपोत के शामिल होने के बाद हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की पहुंच बढ़ जाएगी और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में और मदद मिलेगी।
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मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना में शामिल करने के लिए आज मुंबई में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आधुनिक सेंसर और रडार की सुविधा से लैस इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना को सौंपेंगे।
भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत
हिंद महासागर में हाल के दिनों में चीन ने अपनी गतिविधियां बढ़ा रखी हैं और ऐसे में इस युद्धपोत के भारतीय नौसेना में शामिल करने के कदम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस युद्धपोत के जरिए भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी।
युद्धपोत की खासियत
- आईएनएस मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है। इसका वजन 7,400 टन है।
- आईएनएस मोरमुगाओ को चार शक्तिशाली गैस टरबाइनों के जरिए ऊर्जा हासिल होगी।
- आईएनएस मोरमुगाओ पर जैविक और रासायनिक युद्ध के समय में भी बचाव करने में सक्षम है।
- आईएनएस मोरमुगाओ 30 समुद्री मील की अधिक की गति से चलने में सक्षम है।
- आईएनएस मोरमुगाओ को 127 मिलीमीटर गन से लैस लैस किया गया है।
- आईएनएस मोरमुगाओ 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को भेदने में पूरी तरह सक्षम है।
- आईएनएस मोरमुगाओ पर एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी लगा हुआ है।
- आईएनएस मोरमुगाओ दुश्मन सेनाएं रडार के जरिए इसकी लोकेशन का पता लगाने में कामयाब नहीं हो सकेंगी।