नए IT नियमों को लेकर सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कभी सरकार कुछ कहती है तो ट्विटर कुछ। इन सबके बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है, जो केंद्र को और शक्ति देगा तो ट्विटर की मुसीबतों को बढ़ सकती हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दी खुली छूट
रअसल पिछली सुनवाई में ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट में माना था कि उसने केंद्र सरकार के नए IT नियमों का पालन नहीं किया। जिसके बाद अब हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया है कि केंद्र कानून के मुताबिक ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई कर सकता।
ट्विटर ने माना, नहीं की नियुक्ति
दरअसल ट्विटर ने माना कि उसने अभी तक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वो पहले ही बता चुकी है कि ट्विटर को नियमों का पालन करना ही होगा। उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी जा रही है। और सरकार जो चाहे कार्रवाई कर सकती है।
ट्विटर के खिलाफ जल्द बड़ा एक्शन !
अब खबर है कि सरकार ट्विटर के खिलाफ जल्द कोई बड़ा एक्शन लेने वाली है। अब सरकार ट्विटर की कोई भी मनमानी छेलने के मूड में नहीं है। और उसने दो टूक शब्दों में चेतावनी दे दी है कि अगली सुनवाई से पहले ट्विटर अधिकारियों की नियुक्ति कर ले।
‘ट्विटर नियुक्ति की प्रक्रिया में जुटा’
ट्विटर कि ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि ट्विटर नियुक्ति की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। ये सच है कि अभी कोई मुख्य शिकायत निवारण अधिकारी, RGO और नोडल संपर्क अधिकारी नहीं है। जिसपर जस्टिस ने नाराजगी जताई।
कोर्ट ने कहा कि पिछली सुनवाई पर बताया गया था कि उसने संबंधित अधिकारी की बहाली कर दी है, तब उसने ये नहीं कहा था कि सिर्फ अंतरिम आधार पर की है और वो इस्तीफा दे चुके हैं।
ट्विटर गलतफहमी में ना रहे- कोर्ट
जस्टिस पल्ली ने ट्विटर से कहा कि अगर उन्होंने 21 जून को इस्तीफा दे दिया तो ट्विटर को कम से कम इतना करना था कि इन 15 दिनों में किसी दूसरे अधिकारी को नियुक्त करते। अगर ट्विटर को ऐसा लगता है कि इस देश में वो जितना चाहे समय ले सकता है, तो मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगी।