जोधपुर: नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आरोपी आसाराम को 25 अप्रैल को जेल में ही फैसला सुनाया जाएगा। इससे पूर्व पुलिस की तरफ से जेल में सुनवाई होने को लेकर हाईकोर्ट में दायर अपील पर फैसला मंगलवार सुबह सुरक्षित रखा गया था। दोपहर में कोर्ट ने जेल में ही फैसला सुनाने का निर्णय दिया।
नाबालिग से दुराचार के आरोपी आसाराम के मामले में 25 अप्रैल को आने वाले फैसले को लेकर सरकार को आशंका है कि फैसले के दिन आसाराम के समर्थक राम-रहीम के समर्थकों की तरह हिंसा पर न उतर जाएं। ऐसे में सरकार ने हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि फैसले के दिन आसाराम को जोधपुर की कोर्ट में तलब करने के बजाय जेल में ही फैसला सुना दिया जाए।
दूसरी ओर पिछले पांच सालों में आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले खौफ के साए में जी रहे हैं। अब तक 10 गवाहों पर जानलेवा हमले हो चुके हैं। आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले लगातार उन पर हो रहे हमले की शिकायत करते रहे हैं। मामले को लेकर हो रही देरी के कारण पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई थी। उसका कहना था आसाराम के खिलाफ गवाही देने वालों को धमकाया जा रहा है। पिछले पांच सालों से आसाराम जेल में बंद हैं, फिर भी उसके मामलों से जुड़े कई गवाहों की हत्या हो चुकी है और कई लोगों पर जानलेवा हमले हो चुके हैं।