हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत महत्व दिया जाता है। पूरे सालमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती है।
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एक गुप्त नवरात्रि माघ के महीने में और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है। इस समय आषाढ़ माह चल रहा है और साल की पहली गुप्त नवरात्री इसी माह में होगी। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के उपासक गुप्त तरीके से पूजा उपासना करते हैं। आषाढ़ माह में पड़ने वाले गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है।
इस साल गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होंगे। जिसका समापन 8 जुलाई को होगा। जो भक्त गुप्त नवरात्रि में नौ दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा उपासना करते हैं। उन्हें नवग्रह से शांति मिलती है। तो, चलिए जान लें कि इन नौ दिनों में किस देवी को कौन-सा भोग लगाना है ।
आषाढ़ और माघ की गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इन 10 महाविद्याओं में मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नामस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगुलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी की पूजा की जाती है।
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर 30 जून को गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, आडल योग और विडाल योग का संयोग है। साथ ही इस दिन ध्रुव योग सुबह 9.52 बजे तक और पुनर्वसु नक्षत्र एक जुलाई की रात 1.07 बजे तक रहेगा।
गुप्त नवरात्र पूरे नौ दिनों की रहेगी। एक भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है। गुप्त नवरात्र में देवी मां के भक्त मंत्र सिद्धि और तांत्रिक शक्ति के लिए दस महाविद्याओं की पूजा करते हैं।
घटस्थापना
30 जून को सुबह 5.26 बजे से 6.43 बजे तक