लखनऊः हिन्दू पंचांग के अनुसार नारद जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस बार नारद जयंती 27 मई को मनाई जायेगी। नारद मुनि को पत्रकारों का आराध्य माना गया है
नारद मुनि को देवताओं का संदेशवाहक कहा जाता है। वे तीनों लोकों में संवाद करने का काम करते थे। नारद मुनि को पत्रकारों का आराध्य भी कहा जाता है। भगवान विष्णु इनके आराध्य देव हैं और ये क मुनि की तरह रहते थे। नारद मुनि के एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में वाद्य यंत्र है। वे हमेशा नारायण-नारायण का जप किया करते हैं।
नारद जयंती का शुभ मुहूर्त और महत्व-
शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार, नारद जयंती 26 मई को शाम 4 बजकर, 43 मिनट से प्रारंभ और समापन 27 मई को दोपहर 1 बजकर, 2 मिनट पर होगी
पूजा विधि
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें, वस्त्र धारण करें, व्रत का संकल्प लें। ऋषि नारद का ध्यान करें, चंदन, तुलसी के पत्ते, कुमकुम, अगरबत्ती, पुष्प, धूप चढ़ाएं। सामर्थ्यानुसार दान करें।
जयंती का महत्व
नारद मुनि भगवान विष्णु के भक्त हैं। वह हमेशा नारायण नाम का जप किया करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, वह ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं। पुराणों में भी कहा जाता है कि नारद मुनि तीनो लोकों में आदरणीय हैं। देव, मनुष्य, असुर, गंधर्व सभी उनका आदर करते हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है साथ ही भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।