लखनऊ: तीन किसान कानून के विरोध में पूरे देश में काला दिवस मनाया गया। भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं द्वारा कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा लोगों ने किसानों के समर्थन में काले झंडे भी लगाए। काला झंडा उनके विरोध प्रदर्शन करने का मुख्य तरीका रहा।
मुजफ्फरनगर टोल प्लाजा हुआ टोल फ्री
किसानों ने सिर्फ प्रदर्शन नहीं किया, उन्होंने टोल प्लाजा पर भी कब्जा कर लिया। वहां वाहनों को बिना टोल दिए ही आने जाने की सहूलियत मिल गई। टोल प्लाजा पर ही भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। कई जगहों पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया गया और प्रतियां भी जलाई गई। बागपत में एसडीएम को ज्ञापन देकर अपनी बात रखी गई।
पिछले 6 महीने से अधिक समय से किसान दिल्ली में धरने पर हैं। सभी का कहना है कि सरकार तीनों किसान कानून वापस ले, लेकिन उनकी सुनवाई अभी तक नहीं हो रही है। सरकार का कहना है कि यह कानून किसान के लिए काफी मददगार साबित होंगे।
मेरठ में भी काले दिवस का दिखा असर
भारतीय यूनियन और रालोद के कार्यकर्ताओं ने अपने हाथ पर काली पट्टी बांधी और विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए। सहारनपुर में भी किसान और कार्यकर्ताओं ने अपने घर पर काले झंडे लगाकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया। कई जगहों पर केंद्र सरकार के पुतले भी फूंके गए। खुर्जा में विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया।
किसानों का यह प्रदर्शन उग्र नजर आया। NH58 पर टोल को फ्री कर दिया गया। इसी दौरान पुलिस से झड़प भी हुई। किसानों के इस प्रदर्शन और काला दिवस का विपक्ष ने भी समर्थन किया। बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं ने ट्वीट करके अपना सहयोग इनकी तरफ दिखाया।