मुंबई। पुणे के भीमा में 1 जनवरी को भड़की जातीय हिंसा के चलते दलित संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का एलान किया है। बीआर अंबेडकर को पोते प्रकाश अंबेडकर ने हिंसा रोकने में सरकार की विफलता के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आव्हान किया है। 63 साल के प्रकाश अंबेडकर का कहना है कि 250 से ज्यादा दलित संगठनों का इस बंद को समर्थन है। बंद को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कई इलाकों में एतिहासिक धारा 144 लगा दी गई है।
बता दें कि प्रकाश अंबेडकर ने बीते सोमवार की हिंसा को उकसाने के लिए स्थानीय तीन नेताओं पर आरोप लगाया है। इस हिंसा में एक आदमी की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इसके लिए तीन व्यक्तियों को दोषी ठहरा रहा हूं। जिनमें सम्बाजी भिडे, मिलिंद एकगोटे और तीसरा घुघेश है। इससे पहले मंगलवार को महाराष्ट्र में कई जगह हिंसा हुई। मुंबई में जगह-जगह रास्ता रोका गया, ट्रेनें रोकने की कोशिश की गई। जिसकी वजह से बड़ी तादाद में लोग पूर्वी एक्सप्रेस हाइवे पर जाम में भी फंस गए। आगजनी और पत्थरबाज़ी की भी घटनाएं हुईं। पुणे में दो गुटों में हुई टकराव में एक शख़्स की मौत हो गई थी।
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कोरेगांव हिंसा की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी देंगे। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में ट्वीट कर बीजेपी और आरएसएस पर फासिस्ट सोच होने का आरोप लगाया है। बसपा की प्रमुख मायावती ने कहा है कि ये जो घटना घटी है ये रोकी जा सकती थी। सरकार को वहां सुरक्षा का उचित प्रबंध करना चाहिए था। मायावती ने कहा है कि वहां बीजेपी की सरकार है और सरकार ने हिंसा कराई है।