नई दिल्ली। अक्टूबर में गोवा में आयोजित होन वाले ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद एक अहम मुद्दा बन सकता है। आपको बता दें कि अक्टूबर में 15-16 को गोवा में ब्रिकस सम्मेलन का आयोजन किया जाना है, इस आयोजन में भारत के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति की मुलाकात होगी, जिसमें ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आतंकवाद के विषय पर दोनो प्रतिनिधि बात करेंगे। आतंकवाद को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सख्ती दिखाते हुए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की पहल की थी। इस बीच भारत ने आतंकी मसूद अजहर पर बैन लगाने को लेकर चीन से सख्त कदम उठाने की भी बात कही थी।
इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने चीन से मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने पर सख्ती दिखाने की बात कही थी, आपको बता दें पाकिस्तान के अलावा चीन ही एक ऐसा देश है जो मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के राह में रोड़ा बना हुआ है। भारत दुनिया भर में आतंकवाद का मुद्दा उठाता रहा है. इसके अलावा यूएन में भारत ने आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की कोशिश भी की है, लेकिन चीन ने हमेशा पाकिस्तान के कहने पर मसूद अजहर के मामले पर अपने वीटों का इस्तेमाल किया है. ऐसे में दोनों देशों के नेताओं के बीच इस पर अहम चर्चा होगी।
पिछले महीने आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के स्टेट काउंसिलर डाय बिनगुओ के बीच मुलाकात हुई थी। जिसमें भारत ने आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को रखा था और पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत भी पेश किए थे। भारत आतंकवाद के मुद्दे के साथ साथ हाल ही मे चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी के सहायक नदियों में पानी रोक दिया था, इस विषय पर भी दोनों नेताओं पर बात हो सकती हैं।