जयपुर। राजस्थान में विधानसभा में शुक्रवार को कांग्रस के विधायक घनश्याम मेहर को होली के रंग में सराबोर को होकर विधानसभा में पहुंचना भारी पड़ गया। विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने विधायकों को सदन के नियमों और परंपराओं का हवाला देते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
दरअसल हुआ यूं कि कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के होली मिलन समारोह में शामिल होने के बाद सीधे विधानसभा पहुंच गए। होली की मस्ती उनके कपड़ों और चेहरे पर साफ दिख रही थी। उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ ने कहा कि लोकसभा मे भी एक बार ऐसे ही सांसद जब लोकसभा में रंग लगे कपड़े पहनकर पहुंचे तो उन्हें लोकसभा में बैठने की अनुमति नहीं दी थी।
इसलिए घनश्याम मेहर को भी इस तरह से सदन की गरिमा का ध्यान रखने की हिदायत दी गई और इन्हें भी सदन से बाहर भेज देने की बात उठी। भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने भी राठौड़ का समर्थन किया और मेहर को सदन से जाने का आदेश देने का आग्रह किया। तिवाड़ी ने राजस्थान की विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि जब शिवचरण माथुर मुख्यमंत्री थे तो देवी सिंह भाटी गले में तख्ती लगाकर आ गए थे तो सदन की सदस्यता समाप्त करने तक की बात आ गई थी।
सदन कोर्इ् आमोद प्रमोद की जगह नहीं है, सभी सदस्यों को इसका ध्यान रखना चाहिए। जिसके बाद इस बात पर सदन के उपाध्यक्ष राजेन्द्र राव ने कांग्रेस विधायक को बाहर निकालते हुए कपड़े बदलकर वापस आने के आदेश दिए। उपाध्यक्ष ने विधायकों को हिदासत भी दी कि आगे से हर विधायक सदन की गरिमा के अनुसार ही कपड़े पहनकर आए, रंग लगे कपड़े पहनकर आना सदन क गरिमा के खिलाफ है।
उपाध्यक्ष के आदेशों के बाद मेहर सदन से चले गए। सदन से बाहर निकाले गए घनश्याम मेहर ने बाद में कहा कि उन्हें पता नहीं था कि सदन में होली के रंग खेल कर नहीं आना चाहिए था। ऐसे में जैसे ही आसन ने कहा मैं बाहर आ गया आगे इसका ध्यान रखेंगे।