करीब 6 महीनों से कोरोना नाम की महामारी लोगों की जान के लिए आफत बन चुकी है। जिसकी वजह से लोग घरों में कैद हैं और अब तो हालत ऐसे हो चुके हैं कि, जिंदा रहने के लिए घरों से काम करना लोगों के लिए जरूरी और मजबूरी दोनों ही बन चुका है।
लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आप ऐसे ही घकर में बैठकर काम करते रहे तो बहुत जल्दी आप कोरोना से भी बड़ी मुसीबत में फँस जाएंगे। जिससे निकला आपके लिए नामुमकिन होगा या फिर इससे निकलते-निकतले आपको लंबा समय लगेगा।
जी हां हम बात कर रहे हैं वर्क फ्रॉम होम से पड़ने वाले प्रभावों की जिसकी चिंता दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति कहे जाने वाले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने जताई है। जिसे पढ़कर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।
आपको बता दें,माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने चेतावनी दी है कि घर में रहकर काम को स्थायी बनाने से श्रमिकों के सामाजिक संपर्क और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
नडेला का मानना है कि वर्चुअल वीडियो कॉल इन-पर्सन बैठकों की जगह नहीं ले सकती। दरअसल, विश्व के विभिन्न देशों में चल रहे राष्ट्रव्यापी बंद को देखते हुए काफी निजी कंपनियों ने वर्क फ्रॉर्म होम की शुरुआत की है।
ट्विटर जैसी कुछ तकनीकी कंपनियां अपने कर्मचारियों को हमेशा के लिए घर से काम कराना पसंद कर रही हैं।
इस पर नडेला ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इससे कर्मचारियों पर गंभीर परिणाम की संभावना जताई है।
नडेला ने एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया दी है। नडेला का मानना है कि आज की परिस्थिति में हम एक उलझन सुलझाने के लिए नई उलझन से रूबरू हो रहे हैं।
जिसका परिणाम आने वाले दिनों में भुगतना पड़ेगा।
क्योंकि कोरोना से बचने के लिए दुनियाभर में लगा लगा लॉकडाउन लोगों की मानसिक स्थिति पर काफी प्रभाव डाल रहा है।
अगर ऐसा लंबे समय तक चलता रहा तो कोरोना से ज्यादा लोगों की मौत डिप्रेशन की वजह से होगीं जो की कोरोना से ज्यादा भयंकर होगा।
https://www.bharatkhabar.com/alaknanda-and-bhagirathi-flowing-separately-even-after-sangam-is-this-changed-form-of-ganga-pointing-towards-the-destruction-of-earth/
इसलिए हम सबको अपनो आप कोरोना से तो बचाना ही होगा साथ ही मानसिक तनाव के लिए भी दुख को तैयार करना पड़ेगा।