नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु शंघाई सहयोग संगठन बैठक में भाग लेने के लिए 17 नवंबर तक रूस की यात्रा पर हैं। इस बैठक में सदस्य देशों के आर्थिक और विदेश व्यापार मंत्री भाग लेते हैं। जून 2017 में भारत शंघाई सहयोग संगठन का पूर्ण सदस्य बना है। पूर्ण सदस्य बनने के बाद व्यापार पर आयोजित होने वाला मंत्रियों का यह पहला सम्मेलन है। व्यापार और उद्योग मंत्री के रूप में सुरेश प्रभु की यह पहली रूस यात्रा है।

वहीं अपनी यात्रा के दौरान वाणिज्य मंत्री ने 15 नवंबर को यूरेशियन इकॉनोमिक कमीशन (ईएईसी) के व्यापार परिषद की सदस्य वेरोनिका निकीशिना से मुलाकात की और भारत व यूरेशियन इकॉनोमिक कमीशन के मध्य मुक्त व्यापार समझौते तथा व्यापार सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की।
बता दें कि प्रभु ने 16 नवंबर को रूस के 30 प्रमुख उद्योगपतियों से गोलमेज बैठक के दौरान बातचीत की। गोलमेज बैठक में मुख्य रूप से स्टील, रेलवे, इंजीनियरिंग के सामान, वित्तीय सेवा, नाभिकीय ऊर्जा, कृषि की कंपनियों ने भाग लिया। वाणिज्य मंत्री ने भारत के व्यापार करने में सहजता और प्राकृतिक गैस, ऊर्जा क्षेत्र, रेलवे, कृषि विपणन जैसी प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी। मंत्री सुरेश प्रभु ने उद्योगपतियों को 24 से 26 फरवरी, 2018 तक वाइजेक में आयोजित होने वाले पार्टनरशिप शिखर सम्मेलन में शामिल होने का आमंत्रण दिया।