निज भाषा की उन्नति से ही समाज की उन्नति हो सकती है। अब ये सभी के समझ में आ रहा है। इसके चलते अब हिंदी भाषा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है। देश में ही नहीं विदेश में भी हिंदी की महत्ता को लोग समझ रहे हैं। बता दें कि हिंदी दुनिया की शक्तिशाली भाषा बन रही है। चीनी भाषा के बाद दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है।
‘चीन में हिंदी सीखने का जबरदस्त क्रेज’
इसी बात को और विस्तार से बताते हुए मेरठ में हिंदी विभाग के अध्यक्ष नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि चीन में भी हिंदी सीखने-समझने का जबरदस्त क्रेज है। और वहां 15 से अधिक विवि में हिंदी पढ़ाई जा रही है। उन्होने कहा कि हर साल 400 नए बच्चे चीन में हिंदी पढ़ने आते हैं। और स्नातक-स्नातोक्तर में भी चीनी हिंदी पढ़ रहे हैं। यही नहीं उन्होने बताया कि बीजिंग के एक विष्वविद्यालय में हिंदी में PHD कराई जा रही है।
करीब 2.5 साल चीन में रहे हैं लोहनी
बता दें कि नवीन चंद्र लोहनी करीब 2.5 साल तक चीन में रहे हैं। वो विदेश मंत्रालय की ओर से प्रतिनियुक्त पर भेजे गए थे। जहां वो फरवरी 2017 से लेकर जुलाई 2019 तक चीन में रहे। वहीं अब वो समन्वय हिंची नाम की पत्रिका भी निकाल रहे हैं।