मेरठ। सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली अब चर्चा का विषय बन गई है। रैली के बाद सवाल उठाए जा रहे हैं कि एक तरफ खुद को परिवारवाद से दूर कहने की बात करने वाली मायावती अब परिवारवाद करने में लगी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरठ में मंच पर मायावती के साथ पहली बार अपने भाई और भतीजे के साथ नजर आईं। और उनके साथ ही प्रोजेक्ट किया।

रैली के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि अब मायावती अपना सियासी वारिस तलाश रही हैं। राज्यसभा से अपना इस्तीफा देने के बाद मायावती ने यूपी के सभी मंडलों में सभी महीनों की 18 तारीख को रैली का ऐलान किया था। मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। अब आनंद के बेटे और भतीजे को पार्टी में लाने की योजना बनाई जा रही है। इसलिए अब उनकी भी राजनीतिक पहचान बनाई जा रही है।
ऐलान करने के बाद मायावती ने पहली रैली 18 सितंबर को मेरठ में की है। इस दौरान मायावती के साथ उनके भाई आनंद कुमार तथा आकाश नजर आए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि मायावती अब अपने भाई तथा भतीजे पर सियासी रंग रंगना चाह रही है। वही मायावती का भतीजे आनंद उनके साथ कई बार दिखाई दे रखे हैं। मायावती की तरफ से भी कई बार कहा गया है कि अब आकाश पार्टी का कामकाज देखेंगे। यहां तक की सहारनपुर दंगे के बाद वहां दौरे के लिए गई मायावती के साथ उनका भतीजा आकाश भी उनके साथ थे।