नई दिल्ली। पृथ्वी के घूमने से नीचे आने वाले परिवर्तनों के कारण आने वाले वर्ष 2018 में दुनिया भर में 25-30 विनाशकारी भूकंप हो सकते हैं। यह पूर्वानुमान भूवैज्ञानिकों ने लगाया है। भूवैज्ञानिक सोसायटी ऑफ अमेरिका द्वारा प्रस्तुत की गई एक शोधपरक रिपोर्ट में पुरे विश्व को चेतावनी दी गयी है जिसमें यह भी बताया गया है कि आने वाले संभावित भूकम्पों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.0 से अधिक होगी और इससे भयानक क्षति और जानमाल को नुकसान पहुँच सकता है।
बता दें कि खोजपूर्ण रिपोर्ट में भूवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि जिस गति से हमारा ग्रह घूमता है, उसमें मंदता ‘ तीव्र भूकंपीय गतिविधि’ का कारण बनती है | वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार भारत विशेष रूप से कमजोर है, क्योंकि संभावित भूकंप ‘उष्ण कटिबंधीय, भूमध्य रेखाओं’ को सबसे ज्यादा प्रभावित करेंगे। भूगर्भीय सोसायटी ऑफ अमेरिका की वार्षिक बैठक में बोल्डर के कोलोराडो विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिक रोजर बिलहैम और मिसौला के मॉन्टाना विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिक रेबेका बेंडिक ने जो अपनी शोधपरक रिपोर्ट पेश की उसमें स्पष्ट है कि वर्ष 2018 में 25 से 30 बार विनाशकारी भूकंप आ सकते हैं।
वहीं भूवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि वर्ष 1910 में आये भूकंप को रिक्टर स्केल पर 7.0 मापा गया था और आने वाले समय में जो भूकंप का आकलन है वह इससे भी ज्यादा तीव्रता का हो सकता है। भूवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि पृथ्वी की कोणीय वेग में मंदी अन्यथा नगण्य है, जहां पृथ्वी प्रत्येक घूर्णन को पूरा करने के लिए मिलिसेकंड या दो से अधिक ले रही है । यह पृथ्वी के अंदरूनी हिस्सों से काफी ऊर्जा को छोड़ने के लिए पर्याप्त है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कोणीय वेग-भूकंपीय गतिविधि के संबंध मजबूत हैं।
यह भी माना जाता है कि ग्रह की मुख्य और आवरण में कुछ गतिविधियां इसकी कोणीय वेग में कमी को जन्म देती हैं, जिसके बदले में सतह की ओर मेग्मा का उदय होता है जिससे ज्वालामुखी विस्फोट का भी कारण बनता है | भूवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि इस वर्ष लगभग 6 ऐसे भूकंप हुए हैं जो रिंकटर स्केल पर 7 या उससे ऊपर की तीव्रता के थे। मगर 2018 में यह आंकड़ा 25-30 तक बढ़ सकता है ।