नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने बुधवार को यहाँ कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर पर प्रतिबंध लगाये जाने के चीनी विरोध से जुड़े मामले में राजनयिक दवाब की नीति अपनाई जा रही है ताकि तकनीकी रुकावट को हटाया जा सके। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि चीन को स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि आतंकवाद पर चयनित दृष्टिकोण नहीं अपनाया जा सकता। मामले को कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई ने सदन में उठाया था और हाल ही के इस घटनाक्रम को राजनयिक हार करार देते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं का इस दिशा में कोई लाभ नज़र नहीं आ रहा।
इसके जवाब में वीके सिंह ने कहा कि सभी प्रकार के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि चीन के साथ तकनीकी रुकावट को हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के बाकी स्थाई सदस्य हमारी बात का समर्थन करते हैं। हमें पर्याप्त समर्थन मिल रहा है। वहीं सदन में विभिन्न दलों के सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र में स्थाई सदस्यता के लिए भरसक प्रयास कर रहा है लेकिन यह एक लम्बी प्रक्रिया है। पहले चरण की कोशिश के विफल होने के बाद 2008 में हमने फिर से प्रयास शुरू किया और वर्तमान में वैश्विक शक्तियां भारत का समर्थन करती हैं। चीन भी कई बार कह चुका है कि भारत को बड़ी भूमिका निभानी चाहिए ।