उत्तराखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित भाजपा और कांग्रेस के कई नेता मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर राज्य गठन की मांग को लेकर शहीद हुए क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अलग राज्य की मांग को लेकर पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों ने आंदोलन शुरू किया था. इसके लिए 1 अक्टूबर साल 1994 की रात को दिल्ली की तरफ कूच कर रहे सैकड़ों आंदोलनकारियों को तत्कालीन प्रशासन ने रामपुर तिराहा पर रोक लिया था। इसके बाद आंदोलनकारियों पर बर्बरता की गई. आंदोलनकारियों पर गोली चलाई गई. इस गोलीकांड में 7 आंदोलनकारियों की मौत हो गयी थी।
जबकि 15 से ज्यादा घायल हुए थे. इस दौरान लापता हुए तीन लोगों को भी शहीद का दर्जा दिया गया। मामले को लेकर कई केस न्यायालय में विचाराधीन हैं। रामपुर तिराहे पर शहीदों की याद में स्मारक बनाया गया। यहां हर साल दो अक्टूबर को श्रद्धांजलि कार्यक्रम होता है। शहीद स्मारक पर पहुँचे। मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों के लिए योजनाएं चलाई गई। अस्पतालों में निशुल्क इलाज व बेरोजगार युवाओ के लिए भत्ते चलाये जाने की इजनये बताई। 27 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक शहीदों के कातिलों पर कोई करिवाई नही हुई। आंदोलनकारियों ने भी सरकार पर आंदोलनकारियों का सोशन किये जाने की बात कही। मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहा पर पहुंचें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित कई भाजपा विधायक भी मौजूद रहे।
बता दें कि 2 अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड राज्य की मांग करने दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाई थी। जिसमें कई आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। इसी के चलते राज्य सरकारों ने एक पहल की है। जिसमें आंदोलनकारियों के लिए अस्पतालों में निःशुल्क ईलाज होगा। साथ ही आंदोलनकारियों को पेंशन योजना मिलेगी। आर्थिक तंगी से जूझ रहे उत्तराखंड युवाओ को रोजगार मिलेगा। 200 करोड़ का बजट बेरोज़गार युवाओ के लिए पेश किया जाएगा। 6 महीने तक 2000 रुपये महीने युवाओ के खातों में उत्तराखंड सरकार भेजेंगी।