नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय से 100 कलस्टर बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान परिवहन मंत्री सत्येन्द्र जैन एवं परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। बसों को रवाना करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि वे दिल्ली की परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रतिब्द्ध हैं। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परिवहन मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि सरकार सार्वजनिक परिवहन के महत्व को भलिभांति जानती है। इसीलिए आने वाले दो महीनों में इसमें 250 बसें ओर जोड़ दी जाएंगी। साथ ही इस साल के अंत तक 450 एसी बसें भी सार्वजनिक बसों के बेड़े में शामिल हो जाएंगी। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार राजधानी में कई जगह नये बस डिपो का निर्माण कर रही है और 31 वर्तमान बस डिपो को विकसित करने का प्लान भी बनाया जा रहा है।
प्लान के तहत उक्त 31 डिपो में भूतल में दो मंजिल की पार्किंग बनायी जाएगी जहां बसें खड़ी हो सकेंगी। ग्राउंड फ्लोर पर सरकारी कार्यालय बनाये जाएंगे। इससे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) का भी राजस्व बढ़ेगा। इसके लिए सरकार डीडीए के ट्रांजिट ओरिएंटिड डेवलेपमेंट (टीओडी) से जुड़े नियमों को अंतिम रूप दिये जाने का इंतजार कर रही है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि हम दिल्ली की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी को देश की पहली ई-ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनाने जा रहे हैं। इसके लिए विभाग के अधिकारी पिछले 6 महीने से काम कर रहे हैं। ई-ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बन जाने से दिल्ली के लोगों के परिवहन विभाग से जुड़े ज्यादातर काम घर बैठे ही हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि लोगों को अथॉरिटी में केवल उन्हीं कामों के लिए आना होगा जो बहुत जरूरी हैं। साथ ही हम उन लोगों को भी सुविधा मुहैया करायेंगे जो स्वयं कम्प्यूटर नहीं चला सकते। ऐसे लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। लोग इस हेल्पलाइन पर फोन करके अपनी सुविधा के अनुसार विभाग के एक्जक्यूटिव को अपने घर पर बुला सकेंगे। यह एक्जक्यूटिव इंटरनेट की मदद से लाइसेंस संबंधी सभी औपचारिकताओं को स्वयं पूरा करके विभाग को भेजेंगे। एक्जक्यूटिव आवेदक का बॉयोमैट्रिक डाटा भी इंटरनेट द्वारा विभाग को भेजेंगे।
सत्येन्द्र जैन ने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने पिछले 6 महीनों में दिन-रात मेहनत करके लाइसेंस आवेदन की पेंडिंग लिस्ट को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। इसके लिए परिवहन विभाग के ऑफिसों को सप्ताह के सातों दिन सुबह सात से शाम सात बजे तक खोला गया।