नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सारदा चिटफंड घोटाले में पूछताछ के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने साथ ही यह साफ किया राजीव की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं होगी।कोर्ट ने राजीव को बंगाल से बाहर शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा है। बता दें कि बंगाल की सीएम ममता सीबीआई के खिलाफ तीन दिन से धरने पर बैठीं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से उनको झटका लगा है। अदालत ने साथ ही राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई की मानहानि याचिका पर नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
बहस के दौरान सीबीआई की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और मामले की सही तरीके से जांच नहीं की। उन्होंने कहा कि बंगाल में संवैधानिक संस्थाएं चरमरा गई हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि एसआईटी डेटा और लैपटॉप को सुरक्षित नहीं रख पाई। एसआईटी ने सीबीआई को गलत कॉल्स डेटा दिया था। बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर को परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई अफसरों को परेशान कर रही है।
इसपर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ में क्या दिक्कत है? चीफ जस्टिस ने कहा कि आखिर कमिश्नर सीबीआई के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे हैं? चीफ जस्टिस ने पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार को हमारे जांच के आदेश से किस तरह की दिक्कत है। चीफ जस्टिस के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर को जांच में शामिल होने का आदेश देने में दिक्कत नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मानहानि की याचिका मामले में राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी और राजीव कुमार को नोटिस देगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि राजीव कुमार को मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होना होगा।
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सबूत लाकर दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था यदि राजीव कुमार यदि सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं तो सीबीआई उनके खिलाफ सबूत लाकर दे, हम उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई करेंगे कि वह पछताएंगे।