मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज निवास पर उच्च स्तरीय बैठक की। चौहान ने बैठक के दौरान प्रदेश के आश्रय स्थलों का हर महीने निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने निजी संचालकों द्वारा चलाये जा रहे बालिकाओं के छात्रावासों के लिये भी नियम बनाने के निर्देश दिये। पत्रकार वेलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि दुराचार की घटनाओं से मन व्यथित होता है!
एनजीओ संचालक द्वारा मूक-बधिर (बेजबान) युवती से ज्यादती करने की अप्रिय घटना का दोषी पकड़ा गया है
चौहान ने भोपाल में हुई दुराचार की घटना की तरफ इशारा करते हुए बताया कि बालिका छात्रावास में एनजीओ संचालक द्वारा मूक-बधिर (बेजबान) युवती से ज्यादती करने की अप्रिय घटना का दोषी पकड़ा गया है। और उसे कड़ी सजा दिलाई जायेगी।चौहान ने कहा कि इस घटना को गंभीरता से लिया गया है।जांच-पड़ताल कर जल्दी ही चार्जशीट प्रस्तुत की जायेगी। आरोपी को कड़ी सजा दिलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उन सभी अनुदान प्राप्त, निजी अथवा सरकारी आश्रय स्थलों का हर माह निरीक्षण किया जायेगा। जहां बेटियां रहती हैं। अनुदान प्राप्त संस्थाओं का फिलहाल हर दो महीने में निरीक्षण होता है।
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चौहान ने कहा कि केवल संस्था चलाने वालों के भरोसे संचालन का काम नहीं छोड़ा जायेगा
चौहान ने अनाथालयों का भी निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि केवल संस्था चलाने वालों के भरोसे संचालन का काम नहीं छोड़ा जायेगा। नियमित निरीक्षण किया जायेगा। कई संस्थाएं अच्छे भाव से अनाथालय जैसी संस्थाएं चलाती हैं। लेकिन उनका भी नियमित निरीक्षण जरूरी हैं। प्राइवेट होस्टल, जहां बाहर से बेटियों पढ़ने आती हैं, उनके लिये भी नियम बनाये जायेंगे। निरंतर निरीक्षण की व्यवस्था की जायेगी।समाज के साथ मिलकर प्रशासन पूरा प्रयास करेगा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। अपराधी को कड़ी सजा मिलेगी।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के.मिश्रा, आयुक्त जनसंपर्क पी.नरहरि और संस्था के पदाधिकारी मौजूद थे।
महेश कुमार यदुवंशी